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गवाह कोर्ट में नहीं पहुंचे, अगली सुनवाई छह मार्च को

। कस्बा पट्टी में 1983 में डॉ. सुदर्शन त्रेहन की हत्या के मामले में नामजद शिअद के पूर्व विधायक प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा स्थानीय अतिरिक्त सेशन जज परमजीत कौर की अदालत में पेश हुए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 06:15 AM (IST)
गवाह कोर्ट में नहीं पहुंचे, अगली सुनवाई छह मार्च को
गवाह कोर्ट में नहीं पहुंचे, अगली सुनवाई छह मार्च को

जागरण संवाददाता, तरनतारन : कस्बा पट्टी में 1983 में डॉ. सुदर्शन त्रेहन की हत्या के मामले में नामजद शिअद के पूर्व विधायक प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा स्थानीय अतिरिक्त सेशन जज परमजीत कौर की अदालत में पेश हुए। लेकिन किसी गवाह के हाजिर न होने पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई अब छह मार्च को निर्धारित की है।

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30 सितंबर 1983 की शाम पट्टी के रेलवे रोड पर डॉ. त्रेहन अस्पताल के मालिक डॉ. सुदर्शन त्रेहन की सरेआम गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, परंतु बाद में थाना खेमकरण के गांव भूराकोहना निवासी बलदेव सिंह, हरदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत द्वारा दोनों आरोपितों को 1990 में बरी कर दिया था, हालांकि जांच के दौरान उक्त लोगों ने हत्याकांड में प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा की शमूलियत कबूली थी। 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब पर हमले के दौरान विरसा सिंह वल्टोहा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। परंतु इस केस में वल्टोहा को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था। लंबा समय जेल में रहने के बाद प्रो. वल्टोहा मुकदमों से बरी हो गए थे। जबकि थाना पट्टी में दर्ज डॉ. त्रेहन हत्याकांड का मामला फाइलों में ही दबा रहा।

अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में प्रो. वल्टोहा को एसएस का बोर्ड का सदस्य बना दिया गया था। 2007 में शिअद द्वारा वल्टोहा को विधायक का टिकट दिया गया। उन्होंने पूर्व मंत्री गुरचेत सिंह भुल्लर को हराकर यह चुनाव जीता। 2012 में दूसरी बार प्रो. वल्टोहा विधायक बने। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मानवाधिकार आयोग के अजीत सिंह बैंस ने यह मामला उठाया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के दखल के बाद डीजीपी ने एसएसपी तरनतारन को मामले की जांच के लिए सिट गठित करने का आदेश दिया था।

सिट में शामिल एसपी तिलक राज, जसवंत कौर व डीएसपी सोहन सिंह की टीम ने मामले की जांच की थी। जिसके बाद पट्टी स्थित जेएमआइसी मनीश गर्ग की अदालत में फरवरी 2019 में प्रो. वल्टोहा के खिलाफ चालान पेश किया गया था। अदालत में पेश होकर प्रो. वल्टोहा ने अपनी जमानत मंजूर करवा ली। इसके बाद अतिरिक्त सेशन जज परमजीत कौर की अदालत में यह मामला पहुंचा। अदालत ने प्रो. वल्टोहा के खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू की थी। शुक्रवार को प्रो. वल्टोहा अपने वकील जसइकबाल सिंह ढिल्लों समेत यहां पेश हुए। पेशी के दौरान गवाह अदालत में हाजिर नहीं हुए। इसलिए अदालत ने अगली सुनवाई छह मार्च को तय कर दी। मैं बेकसूर हूं : प्रो. वल्टोहा

अदालत में पेशी के दौरान प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि कैप्टन सरकार द्वारा उनको जानबूझकर झूठे मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। परंतु मेरा न्यायप्रणाली में अटूट विश्वास है। डॉ. त्रेहन हत्याकांड से मेरा कोई भी वास्ता नहीं है, बल्कि सियासी रंजिश के तहत यह सब हो रहा है।


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