बेसहारों का आसमां बना छत, धरती बिछौना
तरनतारन : ठिठुरती रातों को जब पारा 0 डिग्री के पास होता है तो गुरु नगरी के फुटपाथों पर गरीब परिवार से जुड़े लोग आसमान को छत और धरती को बिछौना बना कर रात गुजारते हैं। इन गरीबों की कभी भी किसी ने सुध नहीं ली।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : ठिठुरती रातों को जब पारा 0 डिग्री के पास होता है तो गुरु नगरी के फुटपाथों पर गरीब परिवार से जुड़े लोग आसमान को छत और धरती को बिछौना बना कर रात गुजारते हैं। इन गरीबों की कभी भी किसी ने सुध नहीं ली।
दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार की मध्य रात्रि शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा किया तो खुले दर्जनों लोग आसमान के नीचे सर्द रात में फुटपाथों पर कंबल ओढ़े जमीन पर करवटें बदल रहे थे। ये वो लोग थे जिनका न कोई घर है और ना ही कोई ठिकाना। इनमें से कई ऐसे भी लोग थे जिन्हें उनकी औलाद ने ठुकरा है। उल्लेखनीय है कि ऐसे लोग शहर में चार रैन बसेरा होने के बावजूद प्रशासन की नाकामी की वजह से जमीन पर सो रहे हैं।
श्री गुरु अर्जन देव निवास स्थान के बाहर करीब 8 लोग जमीन पर कंबल ओढ़े सो रहे थे। श्री दरबार साहिब के मुख्य गेट के पास भी ऐसे ही लोग टाइम पास कर रहे थे। शहर के केंद्र बोहड़ी चौंक, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन व सिविल अस्पताल के पास जमीन पर सोने वालों की तदाद दो दर्जन से अधिक होती है। पूछने पर गांव डयाल निवासी मनजीत कौर का दर्द छलक उठा। वह बस इतना ही बताती है कि दुनिया में सबसे दुखी लोगों में मैं भी हूं। 'तुहानू रब दा वास्ता मेरी औलाद बारे कुछ न पूछो बस गुरु घर दे बाहर इस करके सो रही हा कि शायद मौत आवे तां गति हो जावे।'
पैर टूटा तो घर वालों ने घर से निकाला
50 वर्षीय सज्जन सिंह गांव खब्बे डोगरा का निवासी है। उसकी एक टांग टूटी हुई है। इलाज न करवाना पड़े इसी लिए परिवार ने उसे घर से बाहर कर दिया। करीब 15 दिनों से दर्द से कहराने के बावजूद किसी को उस पर तरस नहीं आया। सज्जन सिंह कहते है कि दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए है। हुन तां बस गुरु घर दा लंगर ही नसीब हुंदा है। सौण लई किते थां नहीं मिली तां सोचिया कि कंबल ले के रात कट लवा। गांव बुग्गा निवासी 30 वर्षीय निरवैल सिंह रिक्शा चलाता है। परिवार के साथ मन मुटाव होने कारण घर नहीं जा रहा। दिन के समय रिक्शा चलाता है और रात को फुटपाथ पर सो जाता है। सेवक सिंह, केवल सिंह, शेर सिंह, जोगा सिंह का कहना है कि रात के समय सर्दी से बचना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में वाहेगुरु पर ही भरोसा होता है कि सुबह का सूर्य उदय होता देख लें।
स्थानीय प्रशासन से ली जाएगी रिपोर्ट : डीसी
डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने कहा कि शहर में चार रैन बसेरा बने हुए हैं। इसके बावजूद लोग खुले में सो रहे हैं तो इसके लिए स्थानीय प्रशासन की नाकामी है। उन्होंने कहा कि रात के समय चैन की नींद सोना हर किसी का प्रथम अधिकार है। फुटपाथ पर सोने को मजबूर लोगों की रिपोर्ट ली जाएगी। इस बाबत एसडीएम को आदेश दिए जा रहे है कि वह ठोस कार्रवाई करे। फोटो -ए- खुे आसमान के नीचे सोने वाली बुजुर्ग महिला मनजीत कौर दैनिक जागरण को जानकारी देते हुए।
फोटो -बी- टूटी हुई टांग दिखाते बुजुर्ग सज्जन सिंह।
फोटो -सी- श्री गुरु अर्जन देव निवास स्थान के पास फुटपाथ पर सो रहे लोग। (गुरप्रीत सिंह लवली)।
फोटो -डी- डीसी प्रदीप सभ्रवाल।