जल्द 60 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन
1904 में अंग्रेजों ने पट्टी से कसूर तक रेलवे लाइन बिछाई थी।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : 1904 में अंग्रेजों ने पट्टी से कसूर तक रेलवे लाइन बिछाई थी। इसे बाद में अमृतसर के साथ जोड़ दिया गया। देश का बटवारा होने के बाद अमृतसर से खेमकरन तक रेल गाड़ी चलाई गई। रेलवे की सुविधा लोगों को काफी रास आई। समय समय पर विभाग ने इलाके का विकास करवाया। हाल ही में अब रेलवे स्टेशनों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। ऐसा होते ही इस मार्ग पर 45 की स्पीड पर दौड़ने वाली गाड़ियों की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।
अमृतसर से खेमकरन तक कुल 77 किलोमीटर रेलवे ट्रैक है। 5 वर्ष पहले तरनतारन को ब्यास रेल सेवा के साथ जोड़ा गया था। इसके साथ ही तरनतारन को रेलवे जंक्शन का नाम मिला। इस मार्ग पर दौड़ने वाली रेल गाड़ियों की स्पीड 45 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई थी। अमृतसर से खेमकरन व तरनतारन से ब्यास के बीच कुल 16 ट्रेन इस मार्ग पर दौड़ती है। क्षेत्र के विकास को देखते हुए ओर गाड़ियों को तरनतारन के साथ जोड़ने की योजना बनाई गई है। रेलवे मंत्रालय की ओर से भगतांवाला, तरनतारन, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, ब्यास के रेलवे स्टेशनों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। इसके तहत तरनतारन के रेलवे स्टेशन पर काम तेजी से शुरू हो चुका है। रेलवे की ओर से अमृतसर से घरियाला रेलवे स्टेशन तक (57 किलोमीटर क्षेत्र) रेल का नया ट्रैक बिछा दिया गया है। बाकी रहता रेलवे ट्रैक (साढे 18 किलोमीटर) का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। जंक्शन पर एक ही टिकट खिड़की
रेलवे स्टेशन तरनतारन पर रोज 400 के करीब यात्री सफर के लिए ब्यास, अमृतसर, खेमकरन, पट्टी के लिए रवाना होते है। जबकि विभिन्न नगरों से यहां पहुंचने वाले यात्रियों की गिनती 500 के करीब होती है। स्थानीय स्टेशन पर एक ही टिकट खिड़की है। खिड़की पर तैनात कर्मी जनरल टिकटों को पहल देता हैं। ऐसे में रिजर्वेशन करवाने वाले मुसाफिरों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण को जानकारी देते सरूप सिंह, राजजीत कौर, संध्या, केवल सिंह, दीप इंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे को चाहिए कि रिजर्वेशन के लिए अलग पर काउंटर बनाया जाए। रेलवे स्टेशनों का विद्युतीकरण होने से लोगों को ओर बेहतर रेल सेवा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों का विद्युतीकरण होते ही यहां नया स्टाफ तैनात होगा। इस स्टाफ के लिए नएंक्र्वाटरों का निर्माण भी बड़े स्तर पर चल रहा है।
रवि शेर सिंह, स्टेशन मास्टर, तरनतारन