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सरकारी दावे तंदुरुस्त, डॉक्टरों की सुविधा नहीं दुरुस्त

लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मुहैया करवाने में भले ही सरकार बड़े बड़े दावे कर रही हो लेकिन जिले में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं जहां पर डॉक्टरों की पोस्टें पूरी हो।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 05:35 PM (IST)
सरकारी दावे तंदुरुस्त, डॉक्टरों की सुविधा नहीं दुरुस्त
सरकारी दावे तंदुरुस्त, डॉक्टरों की सुविधा नहीं दुरुस्त

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मुहैया करवाने में भले ही सरकार बड़े बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जिले में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं, जहां पर डॉक्टरों की पोस्टें पूरी हो। जिले में 60 डॉक्टरों, 28 फार्मासिस्टों व 53 नर्सो की पोस्टें खाली है।

जिला स्तरीय अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की 21 पोस्टें है, जिनमें पांच खाली हैं। पट्टी में 11 पोस्टों में से सात, खेमकरण में आठ में से तीन, सीएचसी खेमकरण में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की चार, सुरसिंह में चार पोस्टों में से दो पोस्टें खाली हैं। उक्त अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की 48 में से 21 पद खाली हैं। इन अस्पतालों में 27 डॉक्टरों से ही काम चलाया जा रहा है। वहीं जिला सिविल अस्पताल में मेडिकल अफसरों की 12 में से आठ, पट्टी में छह में से तीन, खडूर साहिब में सात में से दो पोस्टें खाली हैं। सीएचसी झब्बाल में छह में से एक, बागड़िया में एक, सराय अमानत खां में एक, सुरसिंह में पांच में से दो, मीयांविंड में एक, कैरों में एक, नौशहरा पन्नूआं में पांच में से तीन, ढोटियां में एक, सरहाली में पांच में चार, ब्रह्मपुरा में पांच में से दो, फतेहाबाद में एक, डेहरा साहिब में दोनों पोस्टें खाली है। चोहला साहिब में एक, घरियाला में एक, हरिके में पांच में से चार पोस्टें खाली हैं। यानि कि जिले में मेडिकल अफसरों की 98 पोस्टें है, जिनमें से 39 पोस्टें खाली हैं।

स्टाफ नर्स व नर्सिग सिस्टर के पद भी खाली

जिले में स्टाफ नर्स व नर्सिग सिस्टर की 156 पोस्टें है। जिनमें से 53 पोस्टें खाली हैं। जिला स्तरीय अस्पताल में 47 में से 15, पट्टी में 16 में से सात, खडूर साहिब में नौ में से एक, झब्बाल में सात में से दो, पंडोरी रण सिंह में एक, कसेल में सात में से चार, सराय अमानत खां में एक पोस्ट खाली है। सीएचसी कैरों में स्टाफ नर्स की छह में से चार, सरहाली में 12 में से तीन, घरियाला में 12 में से चार, सुरसिंह में आठ में से चार, खेमकरण में छह में से तीन, वल्टोहा में एक, राजोके में सभी तीन व नर्सिग सिस्टर की एक पोस्ट खाली है।

सीनियर फार्मेसी अफसरों को भी कमी

फार्मेसी अफसरों की जिले में 61 पोस्टें है, जिनमें से 28 खाली हैं। सीनियर फार्मेसी अफसरों की जिले में 11 पोस्टें है, परंतु तीन खाली है। सीएचसी मीयांविंड में तीन में से दो, घरियाला में 13 में से आठ, सुरसिंह में 11 में से नौ, राजोके में चार में से एक, सरहाली में आठ में से चार, कैरों में पांच में से दो, सिविल अस्पताल तरनतारन में चार में से दो, खडूर साहिब में दो में से एक फार्मेसी अफसर की पोस्टें खाली है।

नहीं हो रहा कामकाज प्रभावित

सिविल सर्जन डॉ. अनूप कुमार कहते हैं कि जिले में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, मेडिकल अफसरों, स्टाफ नर्स, नर्सिग सिस्टर, फार्मेसी अफसरों व सीनियर फार्मेसी अफसरों की पोस्टें खाली होने के बावजूद सेहत सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी जाती। बल्कि सरकारी अस्पतालों पर लोगों का विश्वास तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यहां पर मरीजों को बेहतर सेवाएं मुहैया करवाई जाती है।

बेहतर बनाई जा रही हैं सेहत सुविधाएं

विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते है कि साढे़ आठ करोड़ से सिविल अस्पताल में 50 बेड वाला जच्चा-बच्चा वार्ड बनाया है। वार्ड चालू करने के लिए मशीनरी व सामान तेजी से आ रहा है। यर्ह शुरू होते ही 15 करोड़ से ट्रॉमा वार्ड का निर्माण करवाया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टरों, मेडिकल अफसरों व अन्य स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा।


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