पीड़ित बोला, आरोपित केस वापस लेने की दे रहे धमकियां, कुछ हुआ तो पुलिस भी होगी जिम्मेदार
किसान रणजोध सिंह द्वारा अनुसूचित जाति के जमीन मालिक को अगवा करके मारपीट करने के बाद पेशाब पिलाने संबंधी पुलिस पहले मामला दर्ज करने के लिए तैयार नहीं हुई थी।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : 17 जुलाई को एक एकड़ जमीन कब्जाने की नीयत से किसान रणजोध सिंह द्वारा अनुसूचित जाति के जमीन मालिक को अगवा करके मारपीट करने के बाद पेशाब पिलाने संबंधी पुलिस पहले मामला दर्ज करने के लिए तैयार नहीं हुई थी। हालांकि 21 जुलाई को अनुसूचित जाति आयोग ने गांव रसूलपुर का निरीक्षण करते हुए पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली पर फटकार लगाई थी।
आयोग की ओर से पुलिस पार्टी को फटकार लगाते हुए मामला दर्ज करने के बाद रिपोर्ट 29 जुलाई को आयोग के चंडीगढ़ कार्यालय लिए तलब करने के लिए कहा है।
उधर, शनिवार की रात को पीड़ित की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने किसान रणजोध सिंह, उसके दो लड़कों समेत 11 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है, परंतु ये मामला खेत में लगा खंबू उखाड़ने और जान से मारने की धमकियां देने के आरोप में दर्ज किया है।
किसान की मारपीट का शिकार जमीन मालिक और उसकी पत्नी ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा है कि थाना सदर की पुलिस सीधे तौर पर आरोपितों का पक्ष ले रही है। जमीन मालिक ने कहा कि मेरे द्वारा दिए गए बयानों के बावजूद पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है, वे बहुत कमजोर है। मुझे सुबह से आरोपित पक्ष से मामला वापस लेने के लिए धमकियां मिल रही हैं। यदि मेरा कोई नुकसान हुआ तो आरोपितों के साथ-साथ थाना सदर की प्रभारी एसआइ बलजीत कौर जिम्मेदार होगी।
एसआइ बलजीत कौर ने बताया कि चार दिन की जांच के बाद जो मामला सामने आया है उसके मुताबिक ही एफआइआर दर्ज की है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
पुलिस ने नाममात्र धारा जोड़कर की खानापूर्ति ये मामला दैनिक जागरण भी द्वारा प्रमुखता से लगातार उठाया गया है। शनिवार की शाम को थाना सदर तरनतारन की पुलिस ने आनन-फानन में आरोपित किसान रणजोध सिंह, उसके लड़के कर्णजीत सिंह, भोला सिंह निवासी गांव रसूलपुर के अलावा जगजीत सिंह, सरपंच बिल्ला निवासी गांव जौड़ा, मिंटू संघा और पांच अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश सचिव सविंदर सिंह छज्जलवड्डी ने कहा कि पुलिस की ओर से मात्र खंबू उखाड़ने और जान से मारने की धमकियां देने के आरोप में केस दर्ज कर आरोपित पक्ष को बचाया जा रहा है। अनुसूचित जाति आयोग के आदेशों के बावजूद पुलिस संबंधित धाराओं तहत मामला दर्ज नहीं कर रही। एसएसपी बोले, आयोग के आदेश मुताबिक ही दर्ज किया केस इस मामले को लेकर एसएसपी ध्रुव दहिया ने कहा कि गांव रसूलपुर के मामले पर अनुसूचित जाति आयोग की ओर से पुलिस को मामले की जांच कर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। आयोग के आदेशों मुताबिक पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच की। जांच में जो आरोप साबित हुए है, उसी के आधार पर थाना सदर में एफआइआर-247 दर्ज की गई है। थाना प्रभारी बलजीत कौर को आदेश दिया है कि सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाए।