सम्मेलन में पहुंचे छह हजार किन्नर, ज्योति व कुनाल का हुआ विवाह
करीब 25 वर्ष बाद गुरु नगरी में महा किन्नर सम्मेलन करवाया गया।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन :
करीब 25 वर्ष बाद गुरु नगरी में महा किन्नर सम्मेलन करवाया गया, जिसमें देश भर से छह हजार के करीब किन्नरों ने भाग लिया। माई मीना की अगुआई में महा किन्नर सम्मेलन माई बचनी पलासौर को समर्पित रहा। शहर का मशहूर पैलेस बुक करवाकर लगातार दस दिन किन्नरों ने विवाह की रस्म शुरू की, जो वीरवार को संपन्न हुई।
किन्नर ज्योति, किन्नर कुनाल के विवाह की रस्म निभाने के मौके पर माई मीना से आशीर्वाद लिया। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कोलकाता, जम्मू से संबंधित छह हजार किन्नरों ने सम्मेलन में शिरकत की। सोने के आभूषणों से लदे किन्नरों ने लगातार चार दिन खरीदारी की, जिसके बाद किन्नर ज्योति और किन्नर कुनाल की सगाई की रस्म के मौके पर सोने के आभूषणों का आदान-प्रदान किया गया। बारात के तौर पर आए मेहमानों (किन्नरों) को शाही भोज और मिठाइयों से नवाजा गया। ये सिलसिला लगातार तीन दिन तक चला। बुधवार को विवाह की रस्म शुरू करते करीब 40 रथों पर सवार होकर किन्नरों ने शहर में यात्रा निकाली। रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे किन्नरों ने चौक-चौराहों में ढोल की थाप पर भंगड़ा और गिद्दा डाला, जिसके बाद श्री दरबार साहिब पहुंचकर सरबत के भले की अरदास की। माई मीना ने बताया कि देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों की दीर्घायु और भारत की तरक्की के लिए बकायदा हवन भी किया गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई थी।
इस मौके पर बाबा काजल, रोशनी, डिपल, बाबा हीना ने बताया कि महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान से बारातियों के तौर पर आए मिन्नरों को तोहफे भी दिए गए।