रूठों को मनाए बिना नहीं दौड़ेगा उम्मीदवारों का चुनावी रथ
विस हलका तरनतारन से विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री को टिकट मिलने के बाद क्षेत्र में सियासी समीकरण बदलने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : विस हलका तरनतारन से विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री को टिकट मिलने के बाद क्षेत्र में सियासी समीकरण बदलने लगे हैं। चुनाव में समय कम है और रूठे नेताओं के बिना प्रत्याशियों का चुनावी रथ नहीं दौड़ने वाला, वरना उन्हें नुकसान हो सकता है।
2017 के चुनाव में जिन कांग्रेसियों ने डा. धर्मबीर अग्निहोत्री की चुनावी कमान संभाली थी। उनमें से कुछ नेता अभी घरों में बैठे हैं। टिकट पर दावा जताने वाले इन नेताओं के नाम भले ही केंद्रीय पैनल में नहीं पहुंचे। परंतु सभी को साथ लेकर चलना डा. अग्निहोत्री की मजबूरी बन चुका है। इसी कारण उन्होंने रूठों को मनाने की कवायद शुरू करते हुए शनिवार से फोन पर संपर्क अभियान आरंभ कर दिया। बेटे अर्जुन के हाथ संधू की चुनावी कमान
वर्ष 2002, 2007, 2012 में लगातार जीत दर्ज करवाने वाले शिअद के हरमीत सिंह संधू की चुनावी कमान अब उनके बेटे अर्जुन संधू ने संभाली है। शहर की विभिन्न वार्डों में पहुंच बनाने के लिए अर्जुन संधू ने युवा ब्रिगेड के साथ देर रात तक बैठक करके रूठे अकाली नेताओं का साथ लेने के लिए योजना बनाई। इसके तहत घर-घर जाने की कवायद भी शुरू हो गई। नहीं मिल रहा अपनों का साथ
आम आदमी पार्टी (आप) की टिकट लेने वाले कश्मीर सिंह सोहल को अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सोहल को उन तमाम नेताओं का अभी साथ नहीं मिल रहा, जो इस क्षेत्र से टिकट के दावेदार थे। वहीं रूठों को मनाने के लिए आप की प्रदेश लीडरशिप द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। ऐसे में ये रूठे नेता आने वाले दिनों में किसी और पार्टी का रुख कर सकते हैं। संयुक्त समाज मोर्चा की चुनावी मुहिम अभी ठंडी
संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) की ओर से युवा नेता डा. सुखमनदीप सिंह ढिल्लों को 12 जनवरी को तरनतारन से प्रत्याशी घोषित किया गया था। खेमकरण हलके के कस्बा सुरसिंह निवासी डा. ढिल्लों अभी तक चुनावी सरगर्मी शुरू नहीं कर पाए। हालांकि उनका कहना है कि चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली गई है। कोविड नियमों का पालन करते हुए मुहिम चलाई जाएगी।