सेवा केंद्र में कामकाज के लिए आने वाले लोगों से पार्किग के नाम पर वसूली जाती है राशि
यदि आप नंबरदार से कोई गवाही डलवाना चाहते हो या फिर हलफिया बयान देने के लिए आए हो आपसे पार्किग के नाम पर फीस वसूल की जाएगी।
राजन शर्मा, तरनतारन : यदि आप तहसील कांप्लेक्स में पटवारी, कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार या एसडीएम को मिलना हो या फिर सेवा केंद्र में किसी कामकाज लिए आए हैं तो आपको पार्किग फीस देनी ही पड़ेगी। यदि आप नंबरदार से कोई गवाही डलवाना चाहते हो या फिर हलफिया बयान देने के लिए आए हो आपसे पार्किग के नाम पर फीस वसूल की जाएगी। नहीं तो आपके वाहन को तहसील कांप्लेक्स में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। जी हां, ऐसा ही कानून एसडीएम कार्यालय-कम-तहसील कांप्लेक्स के बाहर लागू है। जिसके चलते आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है। ये सिलसिला लंबे समय से चलता आ रहा है।
पार्किग का ठेका लेने वाले ठेकेदार की मनमानी भी इस कदर बढ़ चुकी है कि तहसील के एंट्री गेट का एक दरवाजा जानबूझकर बंद रखा जाता है। इतना ही नहीं तहसील कांप्लेक्स वाली सड़क के किनारे दस फीट का जो फुटपाथ है, उस पर रस्सियां लगाकर अवैध कब्जा किया गया है, जिसके चलते जो लोग पार्किग की पर्ची नहीं कटवाते, वे अपने वाहन सड़क पर खड़े कर जाते हैं। जिसके चलते सड़क तंग पड़ जाती है और हादसों का डर बना रहता है।
वाहन गुम होने पर मिलेगा चौथा हिस्सा मुआवजा
पटवारी से कागजात तस्दीक करवाने पहुंचे सेवा सिंह ने बताया कि साइकिल के दस रुपये, दो पहिया वाहन के बीस रुपये और कार के तीस रुपये पार्किग फीस के रूप में तय किए गए है। पार्किग के लिए दी जाती रसीद पर लिखा गया है कि यदि आपका वाहन चोरी हो जाता है तो वाहन की कीमत का चौथा हिस्सा एक माह बाद अदा किया जाएगा। जबकि पार्किग की पर्ची के बिना वाहन की सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
अधिकारित तौर पर बनाई गई पार्किग : एसडीएम
तरनतारन के एसडीएम रजनीश अरोड़ा कहते है कि तहसील कांप्लेक्स में लोगों के वाहन चोरी न हो, उसके लिए अधिकारित तौर पर पार्किग बनाई गई है। उक्त पार्किग से साल भर से सरकार को जो मुनाफा होता है, उस मुनाफे से तहसील की रख-रखाव का काम देखा जाता है। एसडीएम ने कहा कि तहसील कांप्लेक्स के बाहर रस्सी लगाकर फुटपाथ पर कब्जा करने का संबंधित ठेकेदार को कोई अधिकार नहीं है। इस बाबत पुलिस विभाग को लिखा जा रहा है कि पक्के तौर पर यहां पीसीआर के जवान तैनात किए जाए।