थाना प्रभारी से परेशान युवक को एसएसपी कार्यालय के बाहर खुद को लगाई आग
तरनतारन : गांव वैरोंवाल बाविया से शनिवार को अगवा किए 8 वर्षीय जशनबीर सिंह की बरामदगी के बाद उसके चाचा को पुलिस द्वारा परेशान किया जाने लगा।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन :
गांव वैरोंवाल बाविया से शनिवार को अगवा किए 8 वर्षीय जशनबीर सिंह की बरामदगी के बाद उसके चाचा को पुलिस द्वारा परेशान किया जाने लगा। इससे परेशान हो कर उसने एसएसपी कार्यलय के सामने खुद को आग लगा ली। बुरी तरह से झुलसे परमजीत सिंह को सिविल अस्पताल लाया गया। यहा से डॉक्टरों ने उसे अमृतसर रेफर कर दिया।
सेकेंड क्लास के छात्र जशनबीर सिंह को पड़ोसी जरनैल सिंह ने ट्यूशन सेंटर से अगवा किया था। जिसके बाद पुलिस ने छात्र के पिता जसबीर सिंह के बयानों पर जरनैल सिंह और उसके 14 वर्षीय भतीजे जबरजीत सिंह के खिलाफ अगवा का मामला दर्ज किया था। रविवार को पुलिस ने बरनाला शहर से जरनैल सिंह को काबू करके जशनबीर सिंह को बरामद कर लिया था। जरनैल सिंह को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। परंतु 14 वर्षीय जबरजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। दैनिक जागरण को जानकारी देते जशनबीर सिंह के पिता जसबीर सिंह, चाचा सतपाल सिंह, दादा बलदेव सिंह, मां किरनदीप कौर, दादी कशमीर कौर ने आरोप लगाया कि थाना वैरोंवाल के प्रभारी गुरमिंदर सिंह के पास जाकर फरियाद की कि अगवा मामले में जबरजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया जाए। परंतु थाना प्रभारी ने दावा किया कि जबरजीत सिंह बेकसूर है। उन्होंने बताया कि जशनबीर सिंह के दूसरे चाचा परमजीत सिंह (जसबीर सिंह का चचेरा भाई) को थाना प्रभारी ने यह कह कर परेशान करना शुरू कर दिया कि आरोपित जरनैल सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जशनबीर सिंह को परमजीत सिंह के कहने पर ही अगवा किया गया था। परिवार ने आरोप लगाया कि बेकसूर परमजीत सिंह पर थाना प्रभारी द्वारा बनाए जा रहे दबाव के बारे उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। परंतु सुनवाई नहीं हुई। जिससे तंग आकर परमजीत सिंह ने खुद को आग लगा ली। सिविल अस्पताल तरनतारन में भर्ती करवाए गए परमजीत सिंह की हालत गंभीर देखते अमृतसर रेफर कर दिया।
थाना प्रभारी गुरमिंदर सिंह ने इस मामले में खुद को बेकसूर करार दिया।
पुलिस पर दबाव बनने के लिए खुद को लगाई आग : एसएसपी
उधर एसपी तिलक राज ने बताया कि जशनबीर सिंह के अगवा मामले में गिरफ्तार किए जरनैल सिंह द्वारा परमजीत सिंह का नाम लिया गया था। जिसके आधार पर पूछताछ करनी थी। परंतु परमजीत सिंह ने पुलिस पर दबाव बनाने लिए खुद को आग लगा ली। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी के खिलाफ परिवार द्वारा कोई भी लिखित शिकायत नहीं दी गई जिसकी जांच करवाई जा सके।