पत्नी का साथ मिला तो स्कूल को संवारने में मिली कामयाबी: लेक्चरर लखविदर सिंह
जंडियाला गुरु निवासी लखविदर सिंह ने नौ जुलाई 1991 को बतौर साइंस मास्टर सरली कलां के स्कूल से सेवाएं शुरू की थी।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : जंडियाला गुरु निवासी लखविदर सिंह ने नौ जुलाई 1991 को बतौर साइंस मास्टर सरली कलां के स्कूल से सेवाएं शुरू की थी। इसके बाद उनको सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जहांगीर में तैनात किया गया। लखविदर सिंह ने अपनी सेवाओं को इस कदर निभाया कि स्कूल की नुहार बदल गई। इसी स्कूल में उनकी पत्नी भी कार्यरत हैं। स्कूल के माहौल को चार-चांद लगाने वाले लेक्चरर लखविदर सिंह को राज्य सरकार द्वारा शिक्षक दिवस मौके स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है।
लखविदर सिंह ने 1996 में सरकारी हाई स्कूल, जहांगीर में जब सेवाएं शुरू की तो स्कूल में केवल 200 छात्र थे। इमारत की खस्ता हालत को इस कदर बदला कि अब यह स्कूल किसी माडल स्कूल से कम नहीं लगता। 2001 में सरकार ने हाई स्कूल को अपग्रेड करके सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बदल दिया। जिसके बाद स्कूल में दिन रात एक करके बच्चों की एक्सट्रा क्लासें लगानी शुरू की। मैथ टीचर की कमी को पूरा करवाने लिए उन्होंने विभाग का पल्ला नहीं छोड़ा। जिस दौरान लखविदर सिंह की पत्नी बलजीत कौर की इसी स्कूल में 2018 में पोस्टिंग की गई। अब स्कूल में 373 छात्र
लेक्चरर लखविदर सिंह ने पत्नी के साथ मिलकर सारा समय स्कूल को समर्पित कर दिया। इसके चलते अब स्कूल में 373 छात्र हैं। लखविदर सिंह ने बताया कि स्कूल की दिशा और दशा को बदलने के लिए प्रिसिपल गीतांजलि की भी अहम भूमिका रही है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षक दिवस के मौके लखविदर सिंह को स्टेट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।