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सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को मलाल अभी तक चुप हैं बादल

तरनतारन : सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झंडा बुलंद करने पर शिअद से निष्कासित खडूर साहिब के सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की नजर अब टकसालियों की दूसरी पीढ़ी पर होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 01:37 AM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 01:37 AM (IST)
सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को मलाल अभी तक चुप हैं बादल
सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को मलाल अभी तक चुप हैं बादल

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झंडा बुलंद करने पर शिअद से निष्कासित खडूर साहिब के सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की नजर अब टकसालियों की दूसरी पीढ़ी पर होगी। माझे के उन परिवारों के साथ राबता बनाया जाएगा। जो पहले टकसाली परिवारों के तौर पर जाने जाते थे। बाद में इन्होंने अनदेखी के कारण शिअद से दूरी बना ली थी।

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जत्थेदार ब्रह्मपुरा ने हाल ही में नया अकाली दल बनाने का फैसला किया है। इस फैसले के साथ पूर्व सांसद रतन सिंह अजनाला, पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां भी ब्रह्मपुरा के साथ हैं। जत्थेदार ब्रह्मपुरा को इस बात का मलाल है कि शिअद के हो रहे नुकसान से लेकर टकसाली अकालियों को बाहर का रास्ता दिखाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कोई दखल नहीं दिया। रविवार को जत्थेदार ब्रह्मपुरा ने शिअद के गठन लिए 14 दिसंबर का दिन घोषित करते हुए कहा कि इसी दिन 1920 में शिअद की नींव रखी गई थी। माझे के जरनैल माने जाते जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की नजर अब माझे के टकसाली परिवारों पर है।

माझे की बात करें तो जत्थेदार मोहन सिंह तुड़ लोक सभा हलका तरनतारन से खुद एक बार, उनके लड़के लहना सिंह तुड़ एक बार और तरलोचन सिंह तुड़ तीन बार सांसद रह चुके हैं। जत्थेदार तरलोचन सिंह तुड़ को शिअद से निष्कासित कर दिया गया था। जत्थेदार तुड़ के लड़के हरभजन सिंह तुड़ इस समय आम आदमी पार्टी से जुड़े हैं। इसी हलके से सांसद रहे जत्थेदार मेजर सिंह उबोके सरगर्म सियासत से तौबा कर घर बैठे हुए हैं। उनके लड़के सज्जन सिंह उबोके पहले आप समर्थक थे। जो अब कांग्रेस में जिम्मेदारी निभा रहे हैं। दो बार विधायक, एक बार एसजीपीसी अध्यक्ष और एक बार तरनतारन हलके से सांसद बने जत्थेदार प्रेम सिंह लालपुरा के लड़के दलजीत सिंह लालपुरा भी अब शिअद छोड़ चुके हैं। माझे से संबंधित इन दिग्गज नेताओं की दूसरी पीढ़ी की घर वापसी जत्थेदार ब्रह्मपुरा लिए बड़ी चुनौती होगी।

ब्रह्मपुरा पांच को करेंगे बैठक

जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा 5 दिसंबर को नौरंगाबाद (खडूर साहिब) में वर्करों की बड़ी बैठक रखी गई है। इस बैठक में कोटकपुरा, बहिबलकलां, बरगाड़ी कांड के अलावा डेरा मुखी की माफी का मामला उठाया जाएगा। रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया की मनमानी शिअद की छवि खराब हो चुकी है। अब नया अकाली दल बनाया जाएगा। जिसमें टकसाली सोच वाली शख्शियतों को साथ लेकर चला जाएगा। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर की बैठक में गांव नौरंगाबाद, मल्लमोहरी, रेशियाना, शेखचक्क, लालपुरा, जवंदा खुर्द, अलावलपुर, संघा, झंडेर, बचड़े, दुग्गलवाला के वर्कर अपनी भावनाओं को उजागर करेंगे।


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