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पता होता की वो नहीं लौटेंगे तो मैं जाने नहीं देती

तरनतारन गांव बाकीपुर में 25 जनवरी की रात हुई गैंगवार में गांव नूरदी निवासी 27 वर्षीय युवक हरप्रीत सिंह हैप्पी की मौत से पूरा गांव गमजदा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 01:20 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 01:20 AM (IST)
पता होता की वो नहीं लौटेंगे तो मैं जाने नहीं देती
पता होता की वो नहीं लौटेंगे तो मैं जाने नहीं देती

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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गांव बाकीपुर में 25 जनवरी की रात हुई गैंगवार में गांव नूरदी निवासी 27 वर्षीय युवक हरप्रीत सिंह हैप्पी की मौत से पूरा गांव गमजदा है। मृतक की पत्‍‌नी राजबीर कौर को सांत्वना देने वालों को समझ नहीं आ रहा था कि वे उसकी बहते आंसुओं को कैसे रोकें। क्या कहें उससे। हैप्पी अपने दोस्तों के साथ घर से यह कह कर गया था कि पार्टी में जाना है, पर क्या पता था कि हैप्पी जब घर लौटेगा तो लाश बन कर। उसकी पत्‍‌नी बारबार यही कह रही थी कि हमें पता होता उन्हें जाने नहीं देती।

विधान सभा हलका तरनतारन के गांव नूरदी निवासी झिर्मल सिंह सैनिक थे। सेवानिवृत्ति के बाद झिर्मल सिंह गांव में ही खेती शुरू कर दी। बाद में झिर्मल सिंह की हार्टअटैक से मौत हो गई। पति की मौत के बाद दलजीत कौर ने बड़ी मुश्किल से अपने 2 लड़कों की परवरिश की। 27 वर्षीय हरप्रीत सिंह हैप्पी का दो वर्ष पहले गांव मरहाणा निवासी राजदीप कौर से विवाह हुआ था। हरप्रीत एक वर्षीय पुत्र हिम्मतबीर सिंह का पिता था। हरप्रीत सिंह हैप्पी करीब तीन वर्ष विदेश रहा। हाल ही में उसने अपने छोटे भाई मंजीत सिंह को पुर्तगाल भेजा था। हैप्पी के पास 32 बोर का लाइसेंसी पिस्टल भी था। शाम के पौने सात बजे हरप्रीत सिंह हैप्पी के घर उसके कुछ दोस्त आए और कहने लगे कि पार्टी में जाना है। दैनिक जागरण को जानकारी देते पूर्व सरपंच हरजीत सिंह नूरदी ने बताया कि हैप्पी अच्छा इंसान था। उसका किसी भी बुरे व्यक्ति के साथ कोई संबंध नहीं था। देर रात को खबर मिली कि हैप्पी की गोली लगने से मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव जब गांव लाया गया तो उसकी पत्नी राजबीर कौर को पता चला कि वो विधवा हो चुकी है। अपने एक वर्षीय लड़के हिम्मतबीर सिंह का वास्ता देती हुई वे बार-बार हैप्पी को वापस लौटने के लिए कह रही थी। उधर, सिविल अस्पताल में तैनात डॉ. कंवलजीत सिंह ने बताया कि आधी रात करीब दो बजे मनप्रीत सिंह पुत्र मनजीत सिंह निवासी गांव मानोचाहल को कुछ लोग अस्पताल लेकर आए। मनप्रीत सिंह की आंख के नीचे 12 बोर की गोली का छर्रा लगा था। जबकि इससे पहले पुलिस जब हरप्रीत सिंह हैप्पी को लेकर आई तो उसकी मौत हो चुकी थी।


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