जिस पार्टी ने सम्मान दिया उसकी जड़ों में तेल दे रहें है ब्रह्मापुरा
तरनतारन : शिअद की कोर कमेटी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद से त्याग पत्र देने के बाद चार नवंबर को बैठक की तैयारी में जुटे जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के खिलाफ मंगलवार को टकसाली अकालियों ने मोर्चा खोल दिया।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : शिअद की कोर कमेटी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद से त्याग पत्र देने के बाद चार नवंबर को बैठक की तैयारी में जुटे जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के खिलाफ मंगलवार को टकसाली अकालियों ने मोर्चा खोल दिया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरबचन सिंह करमूवाला, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष अलविंदरपाल सिंह पखोके, पूर्व सदस्य सुखविंदर सिंह चब्बाल, दलबीर सिंह जहांगीर, कुलदीप सिंह औलख, रमनदीप सिंह भरोवाल, अमरीक सिंह पखोके, गुरदयाल सिंह मुंडापिंड, बख्शीश सिंह डयाल ने संयुक्त प्रेस काफ्रेंस करके कहा कि शिअद का इतिहास कुबार्नियों से भरा है। पार्टी सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ झंडा उठाकर जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा द्वारा शिअद की जड़ों में तेल दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र का वास्ता देकर शिअद के पदों से किनारा करने के साथ अच्छा होता कि वह लोक सभा की सदस्यता से भी त्याग पत्र दे देते। अलविंदरपाल सिंह पखोके ने कहा कि शिअद में जत्थेदार ब्रह्मपुरा वरिष्ठ नेताओं की कतार में थे। उनको यह सम्मान हजम नहीं हुआ। दस वर्ष लगातार सत्ता का सुख भोगने वाले जत्थेदार ब्रह्मपुरा अब शिअद के साथ धोखा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुरा भूल गए हैं कि 2016 के उपचुनाव में पार्टी हाई कमांड ने उनके बेटे को टिकट देकर विधायक बनाया था। फिर 2017 के चुनाव में भी टिकट दिया गया। पखोके ने कहा कि ब्रह्मपुरा भले ही शिअद को कमजोर करने लिए काम कर रहे है। इस मौके प्रेम सिंह पन्नू, सुखजिंदर सिंह लाली, यादविंदर सिंह रूड़ेआसल, प्रगट सिंह रत्तोके, चैंचल सिंह, कैप्टन अरूड़ सिंह, जसबीर सिंह काहलवां, जसवंत सिंह, मेजर सिंह करमूंवाला, दया सिंह, चरनजीत सिंह, बलदेव सिंह पंडोरी गोला, लखविंदर सिंह, बिक्रमजीत सिंह बागड़िया, खजान सिंह, सुच्चा सिंह भैणी सिधवा, चरनजीत सिंह, अमरीक सिंह नंबरदार, परमजीत सिंह मुंडा पिंड, बख्शीश सिंह डयाल ने कहा कि जत्थेदार ब्रह्मपुरा भले ही पार्टी से बागी हो रहे हैं परंतु वह सभी सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में शिअद के साथ है।
लोक सभा की सदस्यता से त्यागपत्र क्यों नहीं देते : पखोके
पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष अलविंदरपाल सिंह पखोके ने कहा कि जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा भले ही मेरे मामा हैं, लेकिन रिश्तेदारी की बजाए राजनीति को मेरी पहल है। उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र और खराब सेहत का हवाला देकर रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने शिअद की कोर कमेटी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद से त्याग पत्र तो दे दिया परंतू लोक सभा की सदस्यता से त्याग पत्र क्यों नहीं दिया।