खड़े ट्रैक्टर ट्राली से टकराई तेज रफ्तार बाइक, छात्र की टांग टूटी
तरनतारन : सेंट फ्रांसिस स्कूल का नौवीं का छात्र तेज रफ्तार बाइक चलाते हुए मोबाइल सुन रहा था कि बीच सड़क खड़े ट्रैक्टर ट्राली से जा टकराया। इस हादसे में युवक बुरी तरह से घायल हो गया। दैनिक जागरण और साथ सोसायटी की टीम ने मौके पर घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में युवक की एक टांग भी फ्रैक्चर हो गई। कस्बा सरहाली निवासी 14 वर्षीय हरमीत सिंह पुत्र हरजपिंदर सिंह सेंट फ्रांसिस स्कूल तरनतारन में नौवीं का छात्र है। हरमीत सिंह मोटरसाइकिल पर अपनी मां को तरनतारन छोड़ कर वापिस जा रहा था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : सेंट फ्रांसिस स्कूल का नौवीं का छात्र तेज रफ्तार बाइक चलाते हुए मोबाइल सुन रहा था कि बीच सड़क खड़े ट्रैक्टर ट्राली से जा टकराया। इस हादसे में युवक बुरी तरह से घायल हो गया। दैनिक जागरण और साथ सोसायटी की टीम ने मौके पर घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में युवक की एक टांग भी फ्रैक्चर हो गई।
कस्बा सरहाली निवासी 14 वर्षीय हरमीत सिंह पुत्र हरजपिंदर सिंह सेंट फ्रांसिस स्कूल तरनतारन में नौवीं का छात्र है। हरमीत सिंह मोटरसाइकिल पर अपनी मां को तरनतारन छोड़ कर वापिस जा रहा था। सिगमा स्कैन सेंटर के बाहर बीच सड़क पर ट्रैक्टर ट्राली खड़ा था। हरमीत सिंह तेज रफ्तार बाइक चलाते हुए मोबाइल पर हेड फोन लगा कर गाने सुन रहा था। ट्राली के पीछे जा टकराया। हादसे के बाद हरमीत सिंह बेहोश हो गया। हादसे दौरान मौके पर दैनिक जागरण की टीम ने सोसायटी फॉर एक्सीडेंट एड एंड ट्रैफिक हेल्प (साथ) की मदद से उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।
दर्जा चार कर्मी ने की मरहम पट्टी
सिविल अस्पताल में एक्सीडेंट मरीज का सारा इलाज मुफ्त किए जाने के दावे पूरी तरह से झूठे साबित हुए। साथ के महासचिव नवदीप सिंह हरनेजा और दलजीत सिंह अरोड़ा ने बताया कि एमरजेंसी वार्ड में तैनात महिला डॉक्टर ने मौके पर घायल बच्चे का नाम पता पूछा और दर्जाचार कर्मी को आदेश दिया कि वह फ्रैक्चर हुई टांग पर लकड़ी की फट्टी लगा कर पट्टी करे। करीब 40 मिनट तक छात्र को न तो कोई दर्द निवारक दवा दी गई और ना ही कोई इंजेक्शन लगाया गया। हरमीत सिंह के परिजन सिविल अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि सरकारी छुट्टी के कारण विशेषज्ञ डॉक्टर का अस्पताल आना मुश्किल है। जिसके बाद घायल हरमीत सिंह को इलाज लिए निजी अस्पताल लेजाया गया।
छोटे बच्चों को न दें बाइक : खेड़ा
साथ सोसायटी के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर रमणीक सिंह खेड़ा ने कहा कि अस्पताल की एमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर की तैनाती के बावजूद दर्जा चार कर्मी से घायल छात्र की मरहम पट्टी करवाना नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष के छात्र को गेयर बाइक देना भी परिजनों की गलती है। खेड़ा ने कहा कि सिविल अस्पताल तरनतारन में एमरजेंसी की हालत में मरीजों को केवल रैफर किया जाता है।
मामले की ली जाएगी रिपोर्ट : सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ. शमशेर सिंह ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर द्वारा दर्जा चार कर्मी से मरहम पट्टी क्यों करवाई गई। इसकी रिपोर्ट तलब की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे में घायल छात्र की सीटी स्कैन जरूरी थी। यह सुविधा अस्पताल में न होने कारण मरीज को रैफर करने के बिना और रास्ता नहीं था।