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फंदा बन रहे प्लास्टिक के धागे

तरनतारन : प्लास्टिक की बनी चाइना डोर फंदा बनने लगी हैं। पशु-पक्षियों से लेकर इंसान के घातक होने के बावजूद पतंग की डोर के प्रति पतंगबाजों का मोह कम नहीं हो रहा। अलबत्ता लोहड़ी और बसंत पंचमी पर प्रतिबंध के बावजूद एक दिन में 90 हजार रुपये से अधिक की यह डोर बिक जाती है। दिल्ली से कच्चे धागे के नाम पर चाइना डोर की बिल्टियां पंजाब के लिए जब भेजी जाती हैं तो प्रत्येक गट्टू की कीमत 100 रुपये होती है। पंजाब में आते ही इमानदारी से एक गट्टू की कीमत 350 तक पहुंच जाती है। हालाकि कालाबाजारी में इसका दाम लोहड़ी के मौके डेढ हजार में पहुंच गया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 01:08 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 01:08 AM (IST)
फंदा बन रहे प्लास्टिक के धागे
फंदा बन रहे प्लास्टिक के धागे

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : प्लास्टिक की बनी चाइना डोर फंदा बनने लगी हैं। पशु-पक्षियों से लेकर इंसान के घातक होने के बावजूद पतंग की डोर के प्रति पतंगबाजों का मोह कम नहीं हो रहा। अलबत्ता लोहड़ी और बसंत पंचमी पर प्रतिबंध के बावजूद एक दिन में 90 हजार रुपये से अधिक की यह डोर बिक जाती है। दिल्ली से कच्चे धागे के नाम पर चाइना डोर की बिल्टियां पंजाब के लिए जब भेजी जाती हैं तो प्रत्येक गट्टू की कीमत 100 रुपये होती है। पंजाब में आते ही इमानदारी से एक गट्टू की कीमत 350 तक पहुंच जाती है। हालाकि कालाबाजारी में इसका दाम लोहड़ी के मौके डेढ हजार में पहुंच गया था।

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तरनतारन शहर के एक दर्जन छोटे व्यापारी कच्चे धागे के नाम पर चाइना डोर की बिल्टियां मंगवा कर रातो रात अमीर हो चुके हैं। यह वहीं व्यापारी हैं जिन पर वर्षो पहले लाखों का कर्ज था। धागे की डोर की एक चरखड़ी 200 से 500 रुपये में बिकती है। जबकि चाइना डोर का गट्टू 350 रुपये से 1000 रुपये में बिकता है। ड्रेगन डोर का धंधा छोड़ चुकी एक महिला कारोबारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कच्चे धागे के नाम पर शहर के कई व्यापारियों ने छोटी फर्मे बना रखी है। यह व्यापारी दिल्ली से जब कच्चे धागे की आड़ में चाइना डोर मंगवाते है तो उसपर 12 फीसद जीएसटी अदा करते हैं। दिल्ली से पैक हुई चाइना डोर की बिल्टी शहर में खुलते ही व्यापारी मालामाल हो जाते है। उक्त महिला का दावा है कि राजनितिक संरक्षण में चाइना डोर का बाजार फल फूल रहा है।

एडवांस में लाखों की होती है डील

लोहड़ी से एक सप्ताह पहले गांवों में बैठे छोटे दुकानदार चाइना डोर के व्यापारियों को एडवांस में लाखों की राशि देते है। इस एडवांस के बदले चाइना डोर के गट्टू ए, बी, सी कैटेगिरि में बेचे जाते है। कस्बा खेमकरन, खालड़ा, पट्टी, झब्बाल, गंडीविंड, हरिके पत्तन, खडूर साहिब में होम डिलिवरी देने के लिए शहर के व्यापारियों ने अलग दाम तय किए हैं।

सड़क से आसमान तक गला काट रही है चाइनीज डोर

चाइना डोर के कारण होने वाले हादसों में केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि पक्षी और जानवर भी पीड़ित होते है। चाइना डोर के खिलाफ प्रशासन द्वारा पूरी सख्ती बरतने के दावे तो किए जाते है परंतु सोशल मीडिया पर चाइना डोर का प्रचार लगातार होता है। चाइना डोर से पक्षियों की होने वाली मौत के किस्से भी सोशल मीडिया पर आम देखे जाते हैं। इसके बावजूद पतंगबाजों का चाइनीज डोर से मोह भंग नहीं हो रहा।

लापरवाही बरती तो थाना प्रभारी होंगे जिम्मेदार : एसएसपी एसएसपी दर्शन सिंह मान ने कहा कि चाइना डोर के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में किसी भी तरह की कोई लापरवाही या ढील नहीं बरती जा रही। सभी थाना प्रभारियों को सख्त आदेश दिए गए हैं। डीएसपी रैंक के अधिकारी भी थाना प्रभारियों से रिपोर्ट ले रहे हैं। अगर कहीं भी लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।


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