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कानून व्यवस्था को कायम रखने के साथ कोरोना से जंग जीतना बड़ी चुनौती: एसपी ढिल्लों

कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। कानून व्यवस्था को बनाए रखना नियमों का पालन करवाना और कोरोना से जंग जीतना सबसे बड़ी चुनौती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 10:00 AM (IST)
कानून व्यवस्था को कायम रखने के साथ कोरोना से जंग जीतना बड़ी चुनौती: एसपी ढिल्लों
कानून व्यवस्था को कायम रखने के साथ कोरोना से जंग जीतना बड़ी चुनौती: एसपी ढिल्लों

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। पुलिस प्रशासन शुरू से फ्रंटलाइन पर कार्य कर रहा है। कानून व्यवस्था को बनाए रखना, नियमों का पालन करवाना और कोरोना से जंग जीतना सबसे बड़ी चुनौती है। सिपाही से लेकर एसएसपी तक हर अधिकारी और कर्मचारी की ड्यूटी 24 घटे होती है। वहीं जनता की मुश्किलें सुनकर उनको इंसाफ दिलाना भी पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभा रहा है। वहीं लोगों को भी अपना फर्ज निभाना चाहिए। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते वह पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। ये बातें एसपी (सुरक्षा व ट्रैफिक) बलजीत सिंह ढिल्लों ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में कहीं। बलजीत सिंह ढिल्लों कबड्डी के क्षेत्र में अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। पेश है उनसे बातचीत के अंश। सवाल : जिले में कोरोना के दौर के बीच पुलिस प्रशासन को किस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है?

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जवाब : पिछले वर्ष जब कोरोना का दौर शुरू हुआ तो राज्य सरकार ने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर सूबे में क‌र्फ्यू लागू किया था। इस दौरान जरूरतमंद लोगों को भोजन, राशन, दवाइया व जरूरी वस्तुओं को पहुंचाना बड़ी जिम्मेदारी थी। कोरोना के इस दौर में अपना फर्ज निभाते हुए 50 के करीब पुलिस कर्मी और अधिकारी संक्रमण की चपेट में आ गए। वहीं एक मुलाजिम की जान भी चली गई। पुलिस कíमयों को विटामिन युक्त गोलिया, सैनिटाइजर, मास्क आदि वितरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा समय-समय पर मेडिकल जाच व मेडिटेशन कैंप भी लगवाए जा रहे है। सवाल : गावों में कोरोना से निपटने के लिए क्या प्रबंध किए गए?

जवाब : एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले की ओर से सभी सब डिवीजनों में जाकर पंचायतों के साथ बैठकें की गई। इसके साथ एसपी, डीएसपी रैंक के अधिकारियों, थाना प्रभारियों की अपील पर 356 पंचायतों ने अपने-अपने गाव को सील करके बाहरी लोगों की आमद पर रोक लगाई। कोरोना से प्रभावित गावों में पुलिस प्रशासन की ओर से सेहत विभाग की टीमों को साथ लेकर लोगों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। लोगों को गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। सवाल : जिले में ट्रैफिक समस्या उलझती जा रही है, इसका हल कैसे होगा?

जवाब : साढ़े 11 लाख की आबादी वाले जिले में तरनतारन व पट्टी शहरी क्षेत्र आते हैं। सबसे अधिक लोगों की आमद तरनतारन में होती है। गांवों से लोग जब शहर अपने काम करवाने आते हैं तो ट्रैफिक बढ़ना स्वभाविक है। परंतु पुलिस द्वारा शहर की सड़कों की रोड माìकग करके अस्थायी तौर पर बेरिकेड लगाए गए हैं। इससे यातायात नियंत्रित हुआ है। ट्रैफिक की सबसे बड़ी समस्या बोहड़ी चौक में थी। इसका हल निकल चुका है। अमृतसर-झब्बाल बाईपास व जंडियाला गुरु बाईपास चौक की खराब पड़ी ट्रैफिक लाइटों को मरम्मत करवाया जा रहा है। शहर के विभिन्न प्वाइंटों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सवाल : महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़े हैं, इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?

जवाब : पुलिस प्रशासन द्वारा इन मामलों को संजीदगी से लिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा पीड़ित महिलाओं के लिए सखी वन स्टाप केंद्र खोला गया है। महिलाओं के मामलों को हल करने के लिए महिला पुलिस थाना भी है। जिले के प्रत्येक थाने, साझ केंद्रों पर महिलाओं की सुविधा के लिए महिला मित्र हेल्प डेस्क मुहिम शुरू की गई। जनवरी से अब तक 1017 शिकायतें मिली है जिनमें से 1004 का निपटारा कर दिया गया है। सवाल : विवाहिता झगड़ों के निपटारे लिए जिले में क्या है प्रबंध?

जवाब : पति-पत्नी के घरेलू झगड़ों के निपटारे के लिए सब डिवीजन स्तर पर वूमेन सेल बनाए गए हैं जहा पर महिला पुलिस तैनात है। यहा पर मीडिएशन सेंटर भी बनाए गए हैं। कोई भी महिला शिकायत दर्ज करवाने लिए हेल्पलाइन नंबर 181 और 112 पर काल कर सकती है। इंस्पेक्टर रैंक की महिला अधिकारी इन शिकायतों की जाच करके अपनी रिपोर्ट डीएसपी को सौंपती है। जिले में अब तक 487 शिकायतों में से 463 शिकायतों का मीडिएशन सेंटरों के माध्यम से निपटारा किया जा चुका है। सवाल : सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए ट्रैफिक पुलिस की सुविधा के लिए क्या बंदोबस्त हैं?

जवाब : सड़क हादसों में कमी लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार मेहनत की गई। इसके नतीजे में आठ वर्ष बाद जिला तरनतारन को ग्रीन सेफ जिला घोषित किया गया है। इतना ही नहीं विभिन्न सड़कों पर डिवाइडर और जेबरा क्रासिंग की जगह निर्धारित की गई है। ओवरस्पीड को कम करने के लिए नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर स्पीड राडार लगाए गए हैं। पब्लिक को जागरूक करने के लिए बैठकें की जाती है। वहीं ट्रैफिक पुलिस को वाहन, वाकी-टाकी सेट, फ‌र्स्ट एड बाक्स मुहैया करवाए गए हैं।


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