बागी अकाली सांसद ब्रह्मपुरा बोले- सुखबीर और मजीठिया ने पार्टी को बनाया निजी कंपनी
बागी शिअद सांसद जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने चोहला साहिब में समर्थकों की महाबैठक में पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर जम कर निशाना साधा।
जेएनएन, तरनतारन। शिअद से नाराज चल रहे सांसद जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने चोहला साहिब में समर्थकों की महाबैठक में पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर जम कर निशाना साधा। बैठक में उन्होंने कहा कि बड़ी कुर्बानियों के बाद 1920 में शिरोमणि अकाली दल बना था। इस अकाली दल को सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया ने अपने स्वार्थ के लिए निजी कंपनी बना दिया। अब इसे जीजा और साला चला रहे हैं। इन दोनों नेताओं की लीडरशिप में बहुत सारे ऐसे फैसले हुए, जिससे सिख कौम को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने कहा कि शिअद की कोर कमेटी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद से मेरा त्याग पत्र डेरा मुखी को माफी देने व धार्मिक बेअदबी लिए जिम्मेदार आरोपितों को सजा दिलाने लिए शांतिमय ढंग से आंदोलन करने वाले सिखों को गोलियों से शहीद करने के खिलाफ है। दुख की बात है कि यह घटना शिरोमणि अकाली दल की सरकार में हुई।
ब्रह्मपुरा ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद मैंने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को प्रधानगी पद से त्याग पत्र देने लिए कहा था, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने कहा कि नई पार्टी बनाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। बल्कि टकसाली अकालियों को एकजुट होकर शिअद को जीजा-साला से मुक्त करवाना है।
बादल व सुखबीर ने नहीं किया संपर्क
सांसद ब्रह्मपुरा ने कहा कि पार्टी पदों से त्याग पत्र देने के बाद प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। इससे ज्ञात होता है कि शिअद में अब टकसाली अकालियों की कोई कदर नहीं।
ढींडसा के त्यागपत्र से सीख लेते तो शिअद पर न आता संकट
ब्रह्मपुरा ने कहा कि सुखदेव सिंह ढींडसा के त्याग पत्र से अगर कोई सबक सीख लिया होता तो आज शिअद को संकट का सामना न करना पड़ता। मैंने अपनी जमीर की आवाज पर त्याग पत्र दिया है अगर अभी भी प्रकाश सिंह बादल नहीं जागे तो शिअद में कोई टकसाली अकाली नहीं रहेगा।
जब बेटा चुनाव लड़ा तब बेअदबी मुद्दा नहीं था : शिअद
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: खडूर साहिब के सांसद व वरिष्ठ अकाली नेता रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा की तरफ से पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ खोले गए मोर्चे पर अकाली दल ने हैरानी जताई है। अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भुंदड़ और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि यह बेहद चौका देने वाली बात है कि ब्रह्मपुरा आज कह रहे हैं कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद से वह दुखी थे। लेकिन यह मुद्दा क्या उस समय नहीं था जब उनका बेटा रविंदर सिंह खडूर साहिब से उपचुनाव लड़ा था।
उक्त नेताओं ने कहा, जब ब्रह्मपुरा ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दिया था तो उन्होंने अपने सेहत का हवाला दिया था। आज वह अपनी बातों से पलट कर इसे कोई और ही दिशा दे रहे हैं। उक्त नेताओं ने कहा कि ब्रह्मपुरा ने कभी भी सुखबीर बादल से इस्तीफा देने की बात नहीं कही। जबकि उन्होंने उस समय सुखबीर बादल के नेतृत्व पूरा भरोसा जताया था। उन्होंने पहले सत्ता का सुख भोगा और आज वह सुखबीर बादल व मजीठिया के खिलाफ बोल रहे हैं।