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शौर्य चक्र विजेता बलविंदर की सुरक्षा हटाने पर उठे सवाल, आतंकवाद के दौर में दिखाई थी जांबाजी

Shaurya Chakra winner murdered आतंकियों के साथ बहादुरी से लोहा लेने वाले कामरेड बलविंदर सिंह भिखीविंड की शुक्रवार की सुबह सात बजे बाइक सवार दो आरोपितों ने घर में घुसकर गोलियां मारकर हत्या कर दी। उनका एकमात्र सुरक्षाकर्मी इसी वर्ष मार्च में वापस ले लिया गया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:58 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:30 AM (IST)
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर की सुरक्षा हटाने पर उठे सवाल, आतंकवाद के दौर में दिखाई थी जांबाजी
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की फाइल फोटो।

भिखीविंड [धर्मबीर मल्हार/जगमीत सिंह]। Shaurya Chakra winner murdered: पंजाब में जब आतंकवाद का दौर था तब तरनतारन को खालिस्तान की राजधानी के नाम से जाना जाता था। उस समय भिखीविंड निवासी बलविंदर सिंह शिक्षा विभाग में व भाई रंजीत सिंह पंजाब रोडवेज में मुलाजिम थे। दोनों की विचारधारा हिंदू-सिख एकता से जुड़ी थी। आतंकवाद से सताए जब हिंदू परिवार यहां से जाने लगे तो दोनों भाइयों ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ते हुए सीपीएम से हाथ मिला लिया। दोनों ने आतंकवाद की विचारधारा का डटकर विरोध शुरू किया। इसके कारण परिवार पर बड़े आतंकी हमले होने लगे।

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समय देकर हमला करने वाले आतंकियों की संख्या 100 से अधिक होती थी। आतंकी हमले में राकेट लांचर का प्रयोग भी करते थे, परंतु हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दोनों भाई देते रहे। यहां तक कि उनकी पत्नियां भी आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला करती थी। आतंकवाद के खिलाफ झंडा उठाने वाले कामरेड बलविंदर सिंह की शुक्रवार की सुबह घर में घुसकर जब हत्या हुई तो पूरा कस्बा बंद हो गया। लोग खौफ मेें रहेेे। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को डीआइजी फिरोजपुर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआइटी) के गठन का आदेश दिया हैैै। यह एसआइटी कामरेड बलविंदर सिंह पर हुए हमले की जांच करेगी।

बलविंदर सिंह द्वारा कस्बे में निजी स्कूल चलाया जा रहा था, जिसमें उनकी पत्नी जगदीश कौर, बड़ा लड़का गगनदीप सिंह साथ देते। गगनदीप सिंह अभी विदेश में है। छोटा लड़का अर्शदीप सिंह लॉ की पढ़ाई कर रहा है। जबकि लड़की परनप्रीत कौर सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षिका तैनात है। बलविंदर सिंह भिखीविंड की सुरक्षा में सेंध आखिर किसके इशारे पर लगती रही। यह सवाल आज सभी के जेेहन में है।

आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला करने वाले बलविंदर सिंह को एडीजीपी के आदेश पर सुरक्षा मिली थी, परंतु चुनाव का जब भी समय आता तो उनकी सुरक्षा वापस ले ली जाती। 1997 के चुनाव में सीपीआइ (एम) की ओर से बलविंदर सिंह भिखीविंड ने विधानसभा हलका पट्टी से चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपने साथी मेजर सिंह भिखीविंड व जसपाल सिंह ढिल्लों को तरनतारन से चुनाव लड़ाया था।

आरएमपीआइ नेता परगट सिंह जामाराय, जसपाल सिंह ढिल्लों ने बताया कि एक-एक करके चारों गनमैन वापस ले लिए गए। हालांकि गनमैन वापस लेने का न तो एडीजीपी (सुरक्षा) की ओर से कोई आदेश आया और न ही सरकारी स्तर पर। इसी वर्ष मार्च माह के आखिर में बलविंदर सिंह का इकलौता गनमैन जब वापस हुआ तो कोरोना काल शुरू हो चुका था।

बलविंदर सिंह के भाई रंजीत सिंह ने बताया कि देशभर में उनका इकलौता परिवार है, जिसके चार सदस्यों को एक साथ शौर्य चक्र से नवाजा गया, परंतु आतंकवादियों की हिट लिस्ट पर होने के बावजूद परिवार के किसी सदस्य के पास सुरक्षा न होना पुलिस प्रशासन की बड़ी चूक है।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क से आए दिन आतंकी साजिशों का पर्दाफाश हो रहा है। रेेफरेंडम 2020 के बावजूद न तो सरकार जागी और न ही पुलिस प्रशासन जागा। सुबह सात बजे बलविंदर सिंह स्कूल के ऊपर वाली रिहायश से अभी नीचे ही गए थे कि एक-एक करके आठ गोलियों की आवाज सुनाई दी। बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर जब नीचे आई तो देखा कि फर्श पर उसका पति बलविंदर सिंह लहूलुहान पड़ेे थेे। पति का शव देखते ही बेहोश हुई जगदीश कौर को संभालते हुए बेटी परनप्रीत कौर भी सुध बुध खो बैठी।

बलविंदर सिंह की लड़की परनप्रीत कौर को दिलासा देते भाई अर्शदीप सिंह। जागरण

पुलिस ने कब्जे में ली सीसीटीवी की फुटेज

बलविंदर सिंह भिखीविंड की रिहायश स्कूल के ऊपर है। यहां पर सीसीटीवी भी लगे हुए है। सीसीटीवी में एक पिस्तौलधारी युवक ही कैद हुआ बताया जाता है। सूत्रों की मानें तो गोलियां लगने के बावजूद बलविंदर सिंह अपने बचाव के लिए अंदर की ओर भागे, परंतु आरोपित ने पीछा करते हुए स्कूल दफ्तर में ही उन्हें मार डाला। घटनाक्रम की फुटेज सीसीटीवी में कैद हो गई। पुलिस ने फुटेज को कब्जे में ले लिया।

डेढ़ वर्ष पहले भी हुआ था हमला

कामरेड बलविंदर सिंह भिखीविंड के परिवार पर डेढ़ वर्ष पहले सुबह सात बजे के करीब हमला हुआ था। अज्ञात लोगों ने उनके घर पर गोलीबारी की थी। गोलीबारी दौरान जानी नुकसान से बचाव हो गया था। उस समय भी परिवार के पास सुरक्षा नहीं थी। आरएमपीआइ के सचिव कामरेड मंगत राम पासला ने बताया कि मैंने उस समय डीजीपी से मिलकर सुरक्षा बहाल करवाई थी, लेकिन बाद में एक-एक करके गनमैन वापस ले लिए गए। बाद में हमले की एफआइआर ठंडे बस्ते में पड़ गई।

1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से शौर्य चक्र प्राप्त करते बलविंदर सिंह भिखीविंड। फाइल फोटो

1993 में मिला था शौर्य चक्र

आतंकवाद का मुकाबला करने के बदले बलविंदर सिंह को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। आतंकियों की हिट लिस्ट पर होने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने मार्च माह के आखिरी सप्ताह में सुरक्षा वापस ले ली थी। परिवार का आरोप है यह घटना किसी निजी रंजिश का नतीजा नहीं, बल्कि आतंकी घटना है।

 

बलविंदर सिंह की लड़की परनप्रीत कौर को दिलासा देते भाई अर्शदीप सिंह। जागरण

पत्नी का आरोप, आतंकवाद से जुड़ी घटना

बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर ने कहा कि उसने अपने पति से मिलकर आतंकियों का डटकर मुकाबला किया। पुलिस रिकार्ड में उन पर कुल 42 बार हमले हुए। आज की घटना किसी रंजिश का नतीजा नहीं, बल्कि आतंकियों की वारदात है। अगर पुलिस ने सुरक्षा वापस न ली होती तो उसके पति जीवत होते। जगदीश कौर ने कहा कि नशा व रेत बेचने वालों को सरकार ने गनमैन दे रखे है, परंतु आतंकियों की हिट लिस्ट पर होने के बावजूद सुरक्षा वापस ले ली गई।

पुलिस की आई लापरवाही सामने

बलविंदर सिंह की हत्या बाबत जब परिवार के सदस्यों ने थाना प्रभारी गुरचरन सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। घटना के करीब 40 मिनट बाद मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी को लोगों ने खरी-खरी सुनाई। कामरेड रतन सिंह रंधावा, हरकंवल सिंह, चमन लाल दराजके, हरविंदर सिंह, दलजीत सिंह दयालपुरा, हरजिंदर सिंह चुंघ, पन्ना लाल, जसपाल सिंह ढिल्लों, परगट सिंह जामाराय, बलदेव सिंह पंडोरी, सुलखण सिंह तुड़, ने कहा कि बलविंदर सिंह की सुरक्षा वापस लेने बाबत परिवार द्वारा डीजीपी को कई बार गुहार लगाई गई, परंतु सुनवाई नहीं हुई। यहां तक बलविंदर सिंह अपनी सुरक्षा की बहाली लिए कोर्ट का दरवाजा खटकाने लिए तैयार थे।

मौके पर जायजा लेते हुए एसपी जगजीत सिंह वालिया व अन्य पुलिस अधिकारी। जागरण

शव उठाने से रोका गया

एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले, एसपी जगजीत सिंह वालिया, रिचा अग्निहोत्री, डीएसपी राजबीर सिंह की मौजूदगी में जब पुलिस ने बलविंदर सिंह का शव पोस्टमार्टम लिए कब्जे में लेना चाहा तो परिवार ने जमकर विरोध किया। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान डीआइजी हरदयाल सिंह मान खुद मौके पर पहुंचे और परिवार के साथ हमदर्दी जिताई। डीआइजी मान ने कहा कि आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला करने वाले बलविंदर सिंह के परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपितों का जल्द सुराग लगाने का उन्होंने आश्वासन भी दिया। साथ ही उन्होंने परिवार को फौरी सुरक्षा मुहैया करवाई।


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