किसान, मजदूरों व महिलाओं ने घेरा पावरकॉम कार्यालय
। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुआई में हजारों किसानों-मजदूरों और महिलाओं ने मांगों को लेकर पावरकॉम के एसई कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुआई में हजारों किसानों-मजदूरों और महिलाओं ने मांगों को लेकर पावरकॉम के एसई कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। देर शाम अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
इससे पहले किसान-मजदूर और महिलाओं ने मांग की कि निजी थर्मल प्लांटों से किए पंजाब विरोधी समझौते रद किए जाएं, घरेलू बिजली दर एक रुपये प्रति यूनिट हो, बिजली उपभोक्ताओं पर डाले करोड़ों रुपये के जुर्माने व केस रद हों, मजदूरों के 137 करोड़ रुपये के बकाया बिल खत्म किए जाए।
धरने को संबोधित करते कमेटी के प्रदेश नेता सविंदर सिंह चुताला, जसबीर सिंह पिद्दी, सुखविंदर सिंह सभरा और हरप्रीत सिंह सिधवां ने कहा कि पंजाब में बिजली दरों में की जा रही वृद्धि के कारण लोगों में हाहाकार मची हुई है। लोग बिल भरने से पूरी तरह से असमर्थ हैं। महंगी बिजली के कारण बिलों का भार लगातार उनके सिर पर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिदर सिंह ने सरकार बनते ही बिजली कंपनियों से हुए समझौते रद करके सस्ती बिजली देने का वादा किया था, परंतु कैप्टन सरकार इस वादे से पूरी तरह मुकर गई है। किसान नेताओं ने कहा कि मांगी गई मांगों अनुसार मजदूरों के 137 करोड़ रुपये के बकाया बिल खत्म किए जाएं, 2003 एक्ट रद किया जाए, 2003 एक्ट के माध्यम से उपभोक्ताओं पर डाले गए करोड़ों रुपये के जुर्माने और केस रद किए जाएं, जुर्माने डालने की विधि सरल की जाए, बिजली स्पार्क से जली गेहूं का 40 हजार एकड़ रुपये प्रति मुआवजा आदि मांगें स्वीकार की जाएं।
इस अवसर पर सतनाम सिंह, मेहर सिंह, चरण सिंह, दयाल सिंह, जवाहर सिंह, सलविंदर सिंह, धन्ना सिंह, सुखविंदर सिंह, कुलवंत सिंह, फतेह सिंह, गुरजीत सिंह, अजीत सिंह, सतविंदर सिंह, गुरसाहिब सिंह आदि मौजूद थे।