Move to Jagran APP

मामा के गढ़ में पखोके खेलेंगे सियासत की नई पारी

तरनतारन : कहते हैं सियासत में कोई अपना नहीं होता। जी हां, यह मिसाल विधानसभा हलका खडूर साहिब में सामने आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 11:45 PM (IST)
मामा के गढ़ में पखोके खेलेंगे सियासत की नई पारी
मामा के गढ़ में पखोके खेलेंगे सियासत की नई पारी

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : कहते हैं सियासत में कोई अपना नहीं होता। जी हां, यह मिसाल विधानसभा हलका खडूर साहिब में सामने आ रही है। माझे के जरनैल जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा और उनके लड़के रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा शिअद से निष्कासित करते ही हलके की जिम्मेदारी मामा (ब्रह्मपुरा) के भांजे को सौंपी गई है।

loksabha election banner

विधानसभा हलका खडूर साहिब पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। 2012 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के रमनजीत सिंह सिक्की चुनाव जीते थे। धार्मिक बेअदबी के मामले में सिक्की ने त्याग पत्र दिया तो उपचुनाव में शिअद के सांसद जत्थेदार रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के बेटे रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा की लाटरी लग गई। कांग्रेस द्वारा उपचुनाव का बायकॉट किया गया था। सांसद का बेटा विधायक बन गया। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झंडा उठाने के बदले सुखबीर ने इस टकसाली परिवार का सियासी ग्राफ बौना बनाने लिए अलविंदरपाल सिंह पखोके पर दांव खेला है। पार्टी ने पखोके को हलके का इंचार्ज लगाते पूरी बागडोर सौंप दी है। पखोके को उनके मामा जत्थेदार ब्रह्मपुरा ने ही एसजीपीसी की टिकट दिलवाई थी। बाद में विधानसभा हलका तरनतारन से 2002 में टिकट दिलवाई गई। यह चुनाव पखोके हार गए। जत्थेदार ब्रह्मपुरा जब भी सियासी ताकत में आए तो उन्होंने अपने भांजे पखोके का खास ख्याल रखा। अब वहीं पखोके खडूर साहिब हलके के शिअद वर्करों को लामबंद कर अपने मामा की सिखाई हुई सियासत की नई पारी खेलेंगे। इन दोनों टकसाली नेताओं के बीच इकबाल सिंह संधू भी अपना पलड़ा भारी करने में जुटे है। 8 माह पहले एसएस बोर्ड के पूर्व सदस्य इकबाल सिंह संधू को ब्रह्मपुरा के दखल से ही शिअद से बाहर निकाला गया। अब संधू इस बात से बागोबाग हैं कि मुझे बाहर का रास्ता दिखाने वाले शिअद से आउट हो गए है। बाक्स

लोग कांग्रेस को समर्पित : सिक्की

उधर कांग्रेस के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की कहते हैं कि खडूर साहिब हलके के लोग कांग्रेस से जुड़े हैं। इस हलके में ब्रह्मपुरा परिवार ने सियासी ताकत के दौरान लोगों के साथ अन्याय किया। शिअद से निष्कासित इकबाल सिंह संधू जो सपना देख रहे हैं वह पूरा होने वाला नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.