पुलिस ने 28 वर्ष बाद छोड़ा मारे गए आतंकी माणोचाहल के घर का कब्जा
भिंडरावाला टाइगर फोर्स (बीटीएफ) के चीफ रहे गुरबचन सिंह माणोचाहल के घर पर पुलिस ने 2
जासं, तरनतारन : भिंडरावाला टाइगर फोर्स (बीटीएफ) के चीफ रहे गुरबचन सिंह माणोचाहल के घर पर पुलिस ने 28 वर्ष बाद कब्जा छोड़ दिया है। इसे कब्जे से छुड़वाने में कांग्रेस के एक विधायक की अहम भूमिका बताई जाती है। हालांकि माणोचाहल का परिवार इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं।
पंजाब में जब आतंकवाद चर्म सीमा पर था तो बीटीएफ के चीफ गुरबचन सिंह माणोचाहल पर पांच लाख रुपये का ईनाम घोषित था। माणोचाहल आठ बार बड़ी पुलिस मुठभेड़ के बीच जिंदा बचकर भाग निकलता था। फौज की नौकरी छोड़कर गुरबचन आतंकी बन गया था। 1992 में गांव नौशहरा पन्नूआ स्थित माणोचाहल के घर पर पुलिस ने कब्जा करके पुलिस चौकी बना दी थी। माणोचाहल के पिता आत्मा सिंह, मां गुरमेज कौर, भाई बलविंदर सिंह समेत परिवार के सात सदस्यों को फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया था। 1993 में गांव रटौल में 72 घंटे चली मुठभेड़ के दौरान गुरबचन को ढेर कर दिया गया था। उसी समय से पुलिस का इस घर पर कब्जा था। नौशहरा पन्नूआ पुलिस चौकी स्कूल की पुरानी ईमारत में शिफ्ट
तीन कनाल जमीन पर बने उक्त मकान का कब्जा पुलिस ने अचानक छोड़ दिया। अब नौशहरा पन्नूआ पुलिस चौकी कस्बे के सरकारी स्कूल की पुरानी ईमारत में तब्दील कर दी गई है। कहा जाता है कि यह मकान गुरबचन के पिता आत्मा सिंह के नाम पर था। पुलिस से कब्जा छुड़वाने लिए गुरबचन के भाई और भतीजों ने कांग्रेस विधायक की शरण ली थी। इसके बाद रविवार की शाम को पुलिस चौकी इस घर से उठा ली गई। उच्चाधिकारियों के कहने पर चौकी शिफ्ट की
चौकी इंचार्ज जसप्रीत सिंह का कहना है कि उच्चाधिकारियों के कहने पर यह चौकी दूसरी जगह शिफ्ट कर दी गई है। उधर माणोचाहल के भाई तरलोचन सिंह ने कहा कि अभी तक उनके परिवार को घर पर कब्जा नहीं मिला।