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वादों तक ही सिमित रह गया पूर्व उप राष्ट्रपति का गांव

देश का जब बटवारा हुआ तो टकसाली अकालियों के गांव के नाम से जाने जाते गांव तुड़ के पास पठानों ने मोहम्मद खां के नाम से गांव बसाया था। यह वहीं गांव है जहा के रहने वाले लाला अचिंत राम आजादी के बाद सांसद बने थे। बाद में उनका बेटा देश का उप राष्ट्रपति बना।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 05:45 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 05:45 PM (IST)
वादों तक ही सिमित रह गया पूर्व उप राष्ट्रपति का गांव
वादों तक ही सिमित रह गया पूर्व उप राष्ट्रपति का गांव

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : देश का जब बटवारा हुआ तो टकसाली अकालियों के गांव के नाम से जाने जाते गांव तुड़ के पास पठानों ने मोहम्मद खां के नाम से गांव बसाया था। यह वहीं गांव है जहा के रहने वाले लाला अचिंत राम आजादी के बाद सांसद बने थे। बाद में उनका बेटा देश का उप राष्ट्रपति बना।

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तरनतारन से 24 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव कोट मोहम्मद खां में लाला अचिंत राम अपने परिवार के साथ रहते थे। देश के बटवारे के बाद वह हिसार (हरियाणा) से 1952 से 1957 तक कांग्रेस पार्टी की ओर से सांसद रहे। लाला अचिंत राम के घर में 28 फरवरी 1927 को पैदा हुए श्री कृष्ण कांत को राजनीतिक माहौल अपने घर से ही मिला। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी रहे इस परिवार के लिए 21 अगस्त 1997 का दिन ऐतिहासिक था, जब श्री कृष्ण कांत देश के उप राष्ट्रपति बने। इस खबर से पूरा गांव खुशी से झूम उठा। 27 जुलाई 2002 को श्री कृष्ण कांत का देहांत हो गया। साढे 3 हजार की आबादी वाले गांव में पंजाबी साहित्य सभा दिल्ली ने श्री कृष्ण कांत के नाम पर लाइब्रेरी बनाई। इसका दरवाजा 19 वर्ष से लगातार बंद पड़ा है।

दैनिक जागरण को जानकारी देते हुए ग्रामीण जसपाल सिंह जस्सी, पंच दविंदर सिंह, जागीर सिंह, भूपिंदर सिंह, हरदीप सिंह, हीरा सिंह, विजय कुमार, सुखदेव सिंह, सरबजीत सिंह और डॉ. जज शर्मा कोट ने बताया कि गांव के विकास के नाम पर 20 वर्ष से एक भी ईट नहीं लगी। गांव में तीन छप्पड़ थे, जिन पर लोगों ने कब्जा कर लिया। चुनावों के दौर में सियासी नेता वोट बटोरने आते है तो श्री कृष्ण कांत की याद में बंद पड़ी लाइब्रेरी को चालू करने के लिए किताबें भेजने का वादा करते है। परंतु किताबें नहीं पहुंच पाती। पीने के पानी को तरस रहे लोग

गांव के लोग श्री कृष्ण कांत के जन्म दिवस और बरसी के मौके पर जब सियासी नेताओं से गांव के विकास के लिए कुछ मांगते है तो सियासी नेताओं द्वारा तरह-तरह के वादे किए जाते है परंतु गांव का विकास अभी भी नहीं हो पाया। पीने के पानी की समस्या से लोग जूझ रहे है। मॉडल गांव के तौर पर होना चाहिए विकसित: हरि चंद

स्वर्गीय श्री कृष्ण कांत के परिवार के करीबी लाला हरि चंद (मेंबर पंचायत) बताते है कि हमारे घर में आटा चक्की थी। इस चक्की से आटा तैयार करवाकर श्री कृष्ण कांत को भेजा जाता था। कृष्ण कांत के पिता ग्रामीणों को बहुत प्यार करते थे। श्री कृष्ण कांत की माता सत्या देवी गाय पूजा में बहुत विश्वास करती थी। उनकी 16 एकड़ जमीन थी, जो परिवार ने बेच दी। परिवार की पुशतैनी हवेली यादगार के तौर पर कायम है। लाला हरिचंद कहते है कि इतनी बड़ी शख्सियत के गांव को मॉडल ग्राम के तौर पर विकसित करना चाहिए।


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