कोरोना से मुक्ति दिलाने लिए ऐसे ही डटा रहना है मेरा फर्ज
रनतारन तीन वर्ष पहले सरकार ने मेरी जिम्मेदारी जिले को खुशहाल बनाने की लगाई थी। मैंने अपने फर्ज का ईमानदारी से पालन किया। अब मेरे लिए यह परीक्षा की घड़ी है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : तीन वर्ष पहले सरकार ने मेरी जिम्मेदारी जिले को खुशहाल बनाने की लगाई थी। मैंने अपने फर्ज का ईमानदारी से पालन किया। अब मेरे लिए यह परीक्षा की घड़ी है। मेरा अपने घर जाना और बच्चों से मिलना इतना जरूरी नहीं, जितना कि जिले को कोरोना से मुक्त रखने का है। यह जिला कोरोना से पूरी तरह से मुक्त रहेगा, तभी जिले के निवासी खुशहाल होंगे।
यह कहना है डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल का। कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए कर्फ्यू को लगाए हुए दो सप्ताह हो चुके हैं। इस दौरान एक बार भी डीसी सभ्रवाल अपने घर जाकर पत्नी और बच्चों से नहीं मिल पाए, बल्कि रात और दिन 18 घंटे से अधिक समय तक ड्यूटी दे रहे हैं।
सुबह छह बजे उठकर अखबार पढ़ते हैं। इसके साथ मोबाइल के जरिये उन अफसरों के साथ संपर्क बनाना शुरू कर देते हैं, जिनकी ड्यूटी जरूरतमंद लोगों राशन पहुंचाने लिए लगाई गई है। डीसी सभ्रवाल सुबह साढ़े आठ बजे अपने कार्यालय पहुंच जाते हैं। रोजाना अधिकारियों से फिजिकल डिस्टेंस रखते हुए बैठकों का सिलसिला चलता है। कभी एसएसपी ध्रुव दहिया के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बात होती है, तो कभी सब डिवीजनों में तैनात एसडीएम के साथ बातचीत करते हैं।
दोपहर के समय वह आराम नहीं करते, बल्कि कर्फ्यू के प्रबंधों का जायजा लेने के साथ-साथ उन झोपड़-पट्टियों तक पहुंचते हैं, जहां से राशन की सप्लाई की कोई शिकायत आती है। दोपहर का भोजन टेबल पर नहीं, बल्कि गाड़ी की सीट पर ही होता है।
लंच टिफिन के साथ सैनिटाइजर और मास्कों का ढेर होता है। राह जाते लोगों को रोककर उनको कर्फ्यू का पालन करने की नसीहत देते हुए बकायदा मास्क मुहैया करवाते हैं। जिले का कोई ऐसा गांव व कस्बा नहीं जहां लोगों के साथ डीसी सभ्रवाल सीधी बात न की हो। 24 घंटे अपना मोबाइल ऑन रखते हैं। मोबाइल की बैटरी जब जवाब देने को आती है, तो गाड़ी चालक द्वारा उनको पावरबैंक मुहैया करवाया जाता है। दो सप्ताह के दौरान विधानसभा हलका तरनतारन, खडूर साहिब, पट्टी, खेमकरण के लिए राशन की 32 हजार किट्स बांट चुके डीसी सभ्रवाल की नजर उन फल, फ्रूट व दवा विक्रेताओं पर भी होती है, जिनको कर्फ्यू दौरान लोगों की सहूलत के लिए पास जारी किए गए हैं। सिविल सर्जन से लेकर जिले के प्रत्येक सरकारी अस्पताल के एसएमओ के साथ वीडियो कॉल पर बात करके उनकी ड्यूटी की मौजूदगी के बारे में जानकारी लेते हैं। आइसोलेशन वार्ड में तैनात सेहत विभाग के अमले की हौसला अफजाई के लिए उनको फूलों के गुलदस्ते भी भेजते रहते हैं।
सांसद से लेकर विधायकों तक भी संपर्क
सांसद जसबीर सिंह डिंपा, विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री, रमनजीत सिंह सिक्की, हरमिंदर सिंह गिल, सुखपाल सिंह भुल्लर के साथ रोज रात को फोन पर बातचीत करके जिले के मौजूदा हालात पर चर्चा होती है। सभ्रवाल कहते हैं कि यह चर्चा बहुत जरूरी है। इसी चर्चा के दौरान फीडबैक मिलता है। जिला स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम में आने वाली शिकायतों के निपटारे बाबत जिम्मेदारी एडीसी (जनरल) सुरिदर सिंह व जिला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार को दी गई है।