डिपा की नाराजगी पड़ी सिक्की पर भारी तो भुल्लर परिवार में कलह के कारण नाम लंबित
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से शनिवार को कुल 86 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से शनिवार को कुल 86 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई। वहीं सांसद जसबीर सिंह डिपा की नाराजगी के कारण खडूर साहिब के विधायक रमनजीत सिंह सिक्की व घरेलू कलह के चलते खेमकरण के विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर के नाम पर फैसला नहीं हो पाया। इस कारण दोनों हलकों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बेचैनी का आलम है।
विस हलका खडूर साहिब से माझे के जरनैल जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मंपुरा को दो बार मात देकर विधायक बने रमनजीत सिंह सिक्की के साथ सियासी नाराजगी के चलते सांसद जसबीर सिंह डिपा अपने बेटे गुरसंत उपदेश गिल को टिकट दिलाने लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। डिपा की नाराजगी मोल न लेते हुए पार्टी हाईकमान ने भले ही खडूर साहिब की टिकट का फैसला पेंडिग रख लिया है। परंतु विधायक रमनजीत सिंह सिक्की के पक्ष में भी कांग्रेस हाईकमान की बड़ी लाबी काम कर रही है। चर्चा है कि सांसद डिपा अपने बेटे के लिए टिकट लेने में कामयाब रहे थे, परंतु हाईकमान यह भी नहीं चाहता कि बिना वजह टिकट काटकर विधायक की नाराजगी का सामना किया जाए। इसी तरह विस हलका खेमकरण से विरसा सिंह वल्टोहा के हाथों दो बार हार का सामना कर चुके गुरचेत सिंह भुल्लर को टिकट देने के लिए उनके बेटे व मौजूदा विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर को मनाने का प्रयास किया जा रहा है।
2017 में विधायक बनते ही सुखपाल सिंह भुल्लर ने अपने बड़े भाई अनूप सिंह भुल्लर (मेंबर जिला परिषद) व पिता गुरचेत सिंह भुल्लर (पूर्व मंत्री) को सियासी तौर पर पीछे छोड़ दिया था। इसके चलते पार्टी हाईकमान इस बार सुखपाल सिंह भुल्लर की टिकट काटकर उनके पिता को देना चाहती है। क्योंकि हाईकमान को पता है कि अगर मौजूदा विधायक को टिकट मिलती है तो अनूप सिंह भुल्लर अपने भाई के खिलाफ बगावत का झंडा उठाते हुए पंजाब लोक कांग्रेस के प्रत्याशी बन सकते है। जबकि गुरचेत सिंह भुल्लर को टिकट मिलती है तो अनूप सिंह भुल्लर पिता के साथ दम भरेंगे। ऐसे में पिछले चुनाव में पिता की टिकट कटवाने वाले सुखपाल सिंह भुल्लर को इस बार अपने पिता का रास्ता रोकना आसान नहीं लग रहा।