Move to Jagran APP

शहीद सुखजिंदर सिंह को अंतिम विदाई देने को उमड़े लोग, मां व पत्‍नी की हालत देख रोईं हर अांख

जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवान सुखजिंदर सिंह काे श्रद्धांजलि देने उनके गांव में लोग उमड़ पड़े। इस दौरान उनकी मां आैर पत्‍नी की हालत देख हर आंख रो पड़ी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:31 PM (IST)
शहीद सुखजिंदर सिंह को अंतिम विदाई देने को उमड़े लोग, मां व पत्‍नी की हालत देख रोईं हर अांख
शहीद सुखजिंदर सिंह को अंतिम विदाई देने को उमड़े लोग, मां व पत्‍नी की हालत देख रोईं हर अांख

तरनतारनए जेएनएन। जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में वीरगति प्राप्त करने वाले सीआरपीएफ के जवानों में शामिल सुखजिंदर सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंच गया है। शहीद के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए लोग उमड़ पड़े। वीर सुपूत के अंतिम दर्शन के लिए गांव के लोेगों की आखें छलक पड़ी। शहीद सुखजदिंर की मां और पत्‍नी की हालत देख हर आंख भर आई।

loksabha election banner

शहीद सुखजिदर सिंह की शनिवार सुबह पार्थिव देह तिरंगे में लिपटे ताबूत में लाया गया। पार्थिव शरीर पहले तरनतारन के सिविल अस्पताल पहुंचा और वहां शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद उसे गंडीविंड गांव ले जाया गया। दोपहर बाद करीब दो बजे सैनिक सम्‍मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार होगा। शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए कैबिनेट मंत्री सुखबिदर सिंह सरकारिया भी पहुंचेंगे ।

बदहवास मां पूछ रहीं- कदों वेखांगी आपणे शेर पुत्तर नूं, पत्नी भी बेसुध

विधानसभा हलका पट्टी के गांव गंडीविंड (धत्तल) निवासी मध्यम वर्गीय किसान गुरमेज सिंह के 32 वर्षीय बेटा सुखजिंदर सिंह सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात थे। पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद होने वाले सुखजिंदर सिंह को सात माह पहले ही प्रमोशन मिला था। कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बने सुखजिंदर सिंह को तरक्की मिलते ही उसके घर में पुत्र गुरजोत सिंह ने जन्म लिया था, लेकिन अब मासूम के सिर से पिता का साया सदा के लिए उठ गया है।

पति को खोने वाली सरबजीत कौर को ढांढस बंधाने वाले सगे संबंधी भी फूट-फूट कर रो रहे थे। शुक्रवार को सारा दिन शहीद के पार्थिव शरीर के इंतजार में निकल गया। सुबह 11 बजे एसडीएम डॉ. अनुप्रीत कौर जब शहीद के घर पहुंचीं तो परिवारिक सदस्यों ने रोष जताते कहा कि शहादत का पूरे देश को पता चल चुका था, लेकिन प्रशासन ने परिवार की सुध नहीं ली। शहीद की फोटो हाथ में लिए मां हरभजन कौर विलाप करती हुई कह रही थीं, 'रब्बा कदों वेखांगी आपणे शेर पुत्तर नूं...। रब्बा होर नहीं तां ऐस गुरजोत दे बारे ही कुझ सोच लैंदा।'

सैनिकों का गांव है गंडीविंड धत्तल

गांव के सरपंच अमरजीत सिंह ने बताया कि 1300 की आबादी वाले इस गांव के 45 युवा सेना और सीआरपीएफ में तैनात हैं। यहां 150से अधिक पूर्व सैनिक हैं। अमरजीत सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलवामा हमले के शहीद के परिवार को एक करोड़ की राशि और सरकारी नौकरी देने का एेलान किया है। इसी तरह पंजाब सरकार को भी शहीद के परिवार की मदद करनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.