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मंडियों में लिफ्टिंग सुस्त, धान की बोरियों के लगे अंबार

अनाज मंडियों में धान के अंबार लग रहे हैं क्योंकि मंडियों में किसानों द्वारा धान लाने का सिलसिला अभी जारी है

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 06:08 PM (IST)
मंडियों में लिफ्टिंग सुस्त, धान की बोरियों के लगे अंबार
मंडियों में लिफ्टिंग सुस्त, धान की बोरियों के लगे अंबार

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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अनाज मंडियों में धान के अंबार लगातार लग रहे हैं, क्योंकि किसानों द्वारा कटाई के बाद मंडियों में धान लाने का सिलसिला जारी है, परंतु लिफ्टिंग के ढीले प्रबंधों के चलते मंडियों में अब और फसल रखने की गुंजाइश नहीं रही। आढ़तियों का आरोप है कि मंडी में किसानों को सुविधा केवल कागजों में ही दी जाती है। जबकि, लिफ्टिंग की ठेकेदारी प्रशासन द्वारा सियासी दबाव में आकर ऐसे लोगों को दी जाती है, जिनके पास ट्रांसपोर्ट का पूरा प्रबंध नहीं होता। उल्लेखनीय है कि जिले में इस वर्ष आठ लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है।

जिले की मंडियों का जिक्र करें तो हर वर्ष की तरह किसानों की मुश्किलें अभी भी हैं। खरीद केंद्रों में 5,75,256 मीट्रिक टन धान की आमद हुई। जिसमें से 5,55,939 मीट्रिक टन की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई है। हलाकि अभी और धान आने की उम्मीद है। पनग्रेन द्वारा 235994 मीट्रिक टन, मार्कफेड द्वारा 124195 मीट्रिक टन, पनसप द्वारा 108448 मीट्रिक टन, पंजाब वेयर हाउस द्वारा 78940 मीट्रिक टन की खरीद की गई है। जबकि सबसे कम खरीद एफसीआइ 1787 मीट्रिक टन ने किया है।

सरकार द्वारा भले ही 522.68 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है, परंतु लिफ्टिंग के ढीले प्रबंधों से अनाज मंडियां छोटी पड़ रही है। अनाज मंडियों में 2,82,799 मीट्रिक टन धान की ही लिफ्टिग की गई है, जो कुल खरीद से 50 फीसद से कम है। नमी का बहाना बना कर कम दाम पर धान खरीद रहे हैं आढ़ती

किसान मेवा सिंह, जगीर सिंह और नाजर सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा धान की खरीद पर 17 फीसद की नमी की छूट दी गई है। परंतु कुछ आढ़ती अधिक नमी का बहाना लगाकर सरकार द्वारा निर्धारित 1960 रुपये से कम दाम पर धान की खरीद कर रहे हैं। इसी धान को बाद में सरकारी खरीद से जोड़कर अधिक मुनाफा कमाया जा रहा है।

शाम पांच बजे के बजाय रात 11 बजे तक धान लेकर आ रहे किसान

आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष करनैल सिंह देऊ ने कहा कि अनाज मंडियों में धान लाने का समय शाम पांच बजे तक का होता है। परंतु किसानों द्वारा रात 11 बजे तक मंडियों में ट्रालियां लाई जा रही हैं। जो नियमों के खिलाफ है। किसानों की मनमानी से अनाज मंडियों की सड़कों पर जाम लग रहे हैं, जिसकी वजह से लिफ्टिंग का काम भी प्रभावित होता है। यूनियन अध्यक्ष करनैल सिंह देऊ, गुरमिदर सिंह रटौल, यशपाल शर्मा, गुरदेव सिंह हुंदल, मंगलदास मुनीम ने कहा कि लिफ्टिंग का काम तेज करने के साथ शाम पांच बजे के बाद मंडी में ट्रालियों का प्रवेश बंद किया जाए। सीवीसी कमेटी के साथ जौड़ा ने की बैठक किसानों की सुविधा लिए सरकार द्वारा सेंट्रल विजीलेंस कमेटी (सीवीसी) की जिले में 18 टीमें लगाई गई हैं। टीम का नेतृत्व करने वाले एएफएसओ सरबजीत सिंह, सीवीसी इंस्पेक्टर पंकज कुमार, नरेश कुमार से संयुक्त किसान मोर्चे के कन्वीनर अमृतपाल सिंह जौड़ा ने बैठक कर आरोप लगाया कि धान खरीद के बाद बोरी में जब पैकिग हो जाती है तो उसे लिफ्टिंग करने में देरी की जाती है। कमेटी ने किसानों को आश्वासन दिया कि लिफ्टिंग में तेजी लाई जाएगी।


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