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तार पार वाले किसानों को मुआवजा नहीं दे रही राज्य सरकार

तरनतारन : भारत-पाक सीमा पर बाड़बंदी के लिए अधिग्रहण की जमीनों के बदले किसानों को मुआवजा न देने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:56 PM (IST)
तार पार वाले किसानों को मुआवजा नहीं दे रही राज्य सरकार
तार पार वाले किसानों को मुआवजा नहीं दे रही राज्य सरकार

जागरण संवाददाता, तरनतारन : भारत-पाक सीमा पर बाड़बंदी के लिए अधिग्रहण की जमीनों के बदले किसानों को मुआवजा न देने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मुआवजे की मांग को लेकर सीमावर्ती किसान यूनियन के सदस्यों ने डीसी प्रदीप सभ्रवाल सहित जिले के तीन हलकों के विधायकों को ज्ञापन देकर मुआवजा राशि जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की तो वह मरण व्रत शुरू करेंगे।

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यूनियन के अध्यक्ष रघबीर सिंह भंगाला, उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह खेमकरन, महासचिव सेवक सिंह रत्तोके ने डीसी प्रदीप सभ्रवाल, तरनतारन के विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री, पट्टी के विधायक हरमिंदर सिंह गिल, खेमकरन के विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर को ज्ञापन सौंपते बताया कि तार की लपेट में पंजाब भर में 21 हजार, 300 एकड़ उपजाऊ जमीन आती है। यह जमीन जिला गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन से संबंधित किसानों की है। उक्त जमीनों के किसानों को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर इंटरनल रिलीफ मुआवजे के तौर पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ मिलता है। वर्ष 2016-17 का मुआवजा 48 करोड़, 7 लाख, 25 हजार, 600 रुपये सरकार द्वारा दिया जाना था जो अभी तक जारी नहीं किया गया। रघबीर सिंह भंगाला ने कहा कि उक्त मुआवजा लेने के लिए किसान यूनियन द्वारा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटकाया गया। जिस पर 31 अगस्त 2018 को सुनवाई करते जस्टिस सूर्या कांत की अगुवाई वाली खंडपीठ ने जब कड़ा नोटिस लिया तो केंद्र सरकार ने अपना हिस्सा 24 करोड़, 3 लाख, 62 हजार 800 रुपये पंजाब सरकार के खजाने में (चैक नंबर 543129) तिथि 28 अगस्त 2018 को जमा करवा कर अदालत में हलफनामा पेश कर दिया।

भंगाला ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार द्वारा अभी तक किसानों को उक्त मुआवजा जारी नहीं किया गया। सुरजीत सिंह खेमकरन ने बताया कि पंजाब भर के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों और विधायकों को ज्ञापन देकर सरकार को चेताया जा रहा है। अगर सरकार ने अभी भी मुआवजा राशि जारी करने में देर की तो 24 सितंबर को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को मिलकर बातचीत करेंगे। अगर मुख्यमंत्री से बैठक न करवाई गई तो किसान मरणव्रत रखेंगे। इस मौके जोगा सिंह, अर्जन सिंह, सेवक सिंह, गुरसेवक सिंह, गुरविंदर सिंह, बलबीर सिंह, सुखदेव सिंह, सुखविंदर सिंह मौजूद थे। किसानों को सब्सिडी पर खेती के औजार मुहैया नहीं करवा रही

रघबीर सिंह भंगाला ने कहा कि किसानों को सरकार पराली और नाड़ को आग लगाने से मना तो कर रही है परंतु कंटीली तार पार वाली जमीन के मालिक किसानों को सब्सिडी पर खेती के औजार मुहैया नहीं करवा रही। उन्होंने कहा कि बीएसएफ द्वारा उन किसानों को खेती करने से मना किया जा रहा है जिनके गेट पार जाने के लिए कार्ड बने हुए है। भंगाला ने कहा कि किसान नहीं चाहते कि वह पराली और नाड़ को आग लगाए परंतु ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले को लागू करने से सरकार से खुद हाथ खींच रही है।


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