नगर कीर्तन में धमाके की मजिस्ट्रेट जांच पूरी, गुरुद्वारा कमेटी व पुलिस ने की लापरवाही
बाबा दीप सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में गत आठ फरवरी को गुरुद्वारा पहुविंड साहिब से निकाले गए नगर कीर्तन के दौरान हुए धमाके में चार बच्चों की मौत हो गई थी।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
बाबा दीप सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में गत आठ फरवरी को गुरुद्वारा पहुविंड साहिब से निकाले गए नगर कीर्तन के दौरान हुए धमाके में चार बच्चों की मौत हो गई थी। एक दर्जन के करीब बच्चे घायल भी हुए थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। एसडीएम रजनीश अरोड़ा ने छह महीने में जांच पूरी कर डीसी कुलवंत सिंह धूरी को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर व लोकल कमेटी के सदस्यों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। साथ ही पुलिस ने भी बच्चों को पटाखे चलाने से नहीं रोका। नगर कीर्तन में चलाने के लिए पटाखे भी गांव में तैयार किए गए थे। जांच के दौरान 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए।
गत आठ फरवरी को गुरुद्वारा पहुविंड से रवाना हुआ नगर कीर्तन गुरुद्वारा टाहला साहिब पहुंचना था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब वाली पालकी साहिब के आगे बच्चे छोटी ट्राली में रखे पटाखे चला रहे थे। इसी ट्राली पर एक दर्जन के करीब बच्चे सवार थे। गांव पलासौर के पास लोहे की पाइप में डालकर चलाया एक पटाखा ट्राली पर पड़े पटाखों के ढेर पर जा गिरा, जिससे जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके में चार बच्चों मनप्रीत सिंह (13), गुरप्रीत सिंह (12), गुरकीरत सिंह (17) और हरमनजीत सिंह (13) की मौत हो गई थी। इसके अलावा गांव उधोके निवासी अजयपाल सिंह, पहुविंड निवासी हरनूर सिंह, गुरसिमरन सिंह सहित एक दर्जन के करीब बच्चे भी घायल हुए थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने हादसे में मरने वाले बच्चों के स्वजनों को पांच-पांच लाख की मदद के अलावा घायलों का मुफ्त इलाज कराया थ। साथ ही इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए थे। जांच रिपोर्ट में यह लिखा..
- नहीं ली गई मेडिकल सेवाए: नगर कीर्तन के दौरान मेडिकल सेवा के लिए सेहत विभाग को अवगत न करवाने, फायर ब्रिगेड की व्यवस्था न करवाने का जिक्र किया गया है।
- पुलिस ने पटाखे चलाने से नहीं रोका: नगर कीर्तन के दौरान संबंधित थाना प्रभारियों की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने पाबंदीशुदा पटाखेचलाने से न तो बच्चों को रोका और न ही नगर कीर्तन के प्रबंधकों को।
- पटाखे बनाने के लिए अमृतसर से लाई गई सामग्री: अमृतसर से धमाके की सामग्री लाकर कुलदीप सिंह नामक व्यक्ति गांव में ही पटाखे तैयार करता था। नगर कीर्तन के लिए बड़ी मात्रा में पटाखों के अलावा पटाखे चलाने के लिए लोहे की पाइप से औजार भी बनाया गया।
- गुरुद्वारा कमेटी पर भी लगे आरोप: गुरुद्वारा साहिब की लोकल कमेटी व मैनेजर की बड़ी लापरवाही रही है। लोकल कमेटी में एक दर्जन के करीब सदस्यों के नाम शामिल करके कहा गया है कि नगर कीर्तन दौरान पटाखे चलाने से बच्चों को रोका नहीं गया।
- पुलिस ने पटाखे कब्जे में लेकर फिर बच्चों को लौटाए: गुरुद्वारा साहिब से नगर कीर्तन की रवानगी पर ही पटाखे चलाने शुरू कर दिए गए थे। उस समय थाना भिखीविंड के प्रभारी ने पटाखों वाली बोरी मौके पर कब्जे में ली थी, परंतु बाद में यह बोरी किसके आदेश पर दोबारा बच्चों को दी गई, यह सवाल अभी उजागर नहीं हो पाया। मुआवजा राशि व इलाज का खर्च आयोजकों से वसूलने की सिफारिश
मजिस्ट्रेट जांच में सरकार को सिफारिश की गई है कि धमाके कारण मरने वाले चार बच्चों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर दी गई 20 लाख रुपये (प्रत्येक परिवार पांच लाख) की राशि व धमाके में घायल होने वाले बच्चों के इलाज पर हुए खर्च की सारी राशि नगर कीर्तन की आयोजक गुरुद्वारा साहिब की लोकल कमेटी से वसूली जाए। जांच रिपोर्ट पर सरकार लेगी फैसला: डीसी
डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी ने बताया कि एसडीएम रजनीश अरोड़ा द्वारा बारीकी से जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपी गई है। अब यह जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी जानी है। जांच रिपोर्ट पर सरकार क्या कार्रवाई करती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।