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पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता से खुफिया एजेंसियां सतर्क, सूची की जा रही तैयार

पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। खालिस्तान समर्थकों व पूर्व आतंकियों की सूची तैयार की जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 10:23 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 10:23 AM (IST)
पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता से खुफिया एजेंसियां सतर्क, सूची की जा रही तैयार
पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की सक्रियता से खुफिया एजेंसियां सतर्क, सूची की जा रही तैयार

तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। श्री अकाल तख्त साहिब के सामने रेफरेंडम-2020 (Referendum -2020) की सफलता के लिए अरदास कर वीडियो बनाने का प्रयास करने वाले खालिस्तान समर्थक ग्रंथी गुरमीत सिंह की हरकत से गांव राम सिंह वाला के लोग काफी हैरान हैं। 1200 की आबादी वाला यह गांव विधानसभा हलका खेमकरण में आता है। वहीं, खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने उन पूर्व आतंकियों व खालिस्तान समर्थकों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है जो दो वर्ष के दौरान रेफरेंडम-2020 व खालिस्तान मूवमेंट (Khalistan Movement) का समर्थन करने वालों के संपर्क में रहे हैं। इस जिले से संबंधित दो दर्जन पूर्व आतंकी भी हैं, जिनकी सूची तैयार पुलिस हर माह गृह विभाग को भेजती है।

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गुरमीत सिंह का एक और भाई है मेहर सिंह। उसका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके कारण वह अभी कोई काम नहीं कर पा रहा, जबकि पिता लक्ष्मण सिंह लंबे समय से गांव के गुरुद्वारा साहिब में बतौर सेवादार तैनात हैं। गरीब परिवार से संबंध रखने वाले गुरमीत की शादी नहीं हुई और न ही उसकी कोई जायदाद है। पंजाब में जब आतंकवाद चरम पर था, तो इस गांव के कई आतंकी पुलिस के हाथों मारे गए थे। इन आतंकियों के परिवारों से भी गुरमीत का कोई वास्ता नहीं है।

खेमकरण के गांव राम सिंह वाला स्थित ग्रंथी गुरमीत सिंह का घर। (इनसेट में) गुरमीत सिंह।

ग्रामीण मेवा सिंह, जगरूप सिंह, दलीप सिंह व दिलावर सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि करीब पांच वर्ष पहले गुरमीत गांव के गुरुद्वारा साहिब में सेवा किया करता था। इसी दौरान वह कपूरथला के गांव पड्डा चला गया और वहीं रहने लगा। उसका गांव में आना-जाना बहुत कम है और न ही उसके परिवार ने कभी खालिस्तानी गतिविधियों में भाग लिया।

गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की एक वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें पन्नू ने कहा था कि श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष रेफरेंडम-2020 और खालिस्तान की सफलता के लिए अरदास करके वीडियो भेजने वाले को पांच हजार डॉलर अनुदान दिया जाएगा। बता दें, मोगा में भी खालिस्तान समर्थकों ने खालिस्तानी झंडा लहराया था।

वहीं, खुफिया एजेंसियों की टीम ने सोमवार को गांव राम सिंह वाला में करीब चार घंटे डेरा डाले रखा। गुरमीत के पिता लक्ष्मण सिंह व मां परमजीत कौर से पूछताछ की। वहीं, पुलिस भी गुरमीत सिंह के परिवार के आचरण का रिकॉर्ड खंगाल रही है। भिखीविंड के डीएसपी राजबीर सिंह का कहना है कि पुलिस अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है।

गुरमीत सिंह के पिता लक्ष्मण सिंह ने अरदास वाली घटना से अनभिज्ञता जताई है, जबकि गांव राम वाला सिंह वाला के सरपंच गुरमीत सिंह का कहना है कि लंबे समय से लक्ष्मण सिंह की आर्थिक हालत को देखते उसे गुरुद्वारा साहिब में सेवादार की जिम्मेदारी दी गई है। गुरमीत सिंह को काफी समय से गांव में नहीं देखा गया।


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