तरनतारन में 22 और पट्टी में 13 अवैध कालोनियों के कालोनाइजरों को नोटिस
पंजाब सरकार की तरफ से अवैध कालोनियों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
जासं, तरनतारन: पंजाब सरकार की तरफ से अवैध कालोनियों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। इसी के तहत राजस्व विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि शहरी क्षेत्रों की कालोनियों के प्लाटों की रजिस्ट्री से पहले स्थानीय निकाय विभाग से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जरूर लें। इसके बाद नगर कौंसिल तरनतारन ने 22 और नगर कौंसिल पट्टी ने 13 अवैध कालोनियों के कालोनाइजरों को संबंधित विभागों से एनओसी लेने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं।
तरनतारन शहर की बात करें तो यहां पर कुल 31 कालोनियां हैं। नियमानुसार वर्ष 2018 के बाद बनाई गई कालोनियों पर सरकार का ये आदेश लागू होता है। इसी प्रकार पट्टी शहर में कुल 19 कालोनियों में से 13 कालोनियों को अवैध मानते हुए उनको नोटिस जारी किए गए हैं। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से रजिस्ट्रारों और सब-रजिस्ट्रारों को आदेश दिया गया है कि शहरी क्षेत्र में एक हजार वर्ग घर से कम वाले किसी भी प्लाट की स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जारी एनओसी के बिना रजिस्ट्री न की जाए। तहसीलदार सुखबीर कौर ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश का पालन शुरू कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र में शुक्रवार को बिना एनओसी के कोई रजिस्ट्री नहीं हुई। नगर कौंसिल के ईओ भूपिदर सिंह दालम ने बताया कि तरनतारन से संबंधित 22 कालोनियों के कालोनाइजरों को नोटिस जारी किए गए हैं कि वे कालोनियों को वैध करवाने के लिए नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, जंगलात विभाग, पीडब्ल्यूडी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, स्थानीय निकाय विभाग से एनओसी प्राप्त करें। एनओसी लेने से होगा फायदा
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेशों का जिक्र करें तो स्थानीय निकाय विभाग से एनओसी लेकर ही कालोनी से संबंधित प्लाट की रजिस्ट्री करवाए जाने में भला है। आम तौर पर पेयजल, सीवरेज, बिजली का कनेक्शन लेने के अलावा संबंधित प्लाट या मकान पर कर्ज लेने के लिए एनओसी की अहम भूमिका रहती है। यदि 2018 के बाद बिना एनओसी के रजिस्ट्री के बाद किसी कालोनी में कोई मकान का निर्माण हुआ है तो उसे अवैध माना जाएगा। कई लोगों ने पेशगी के तौर पर दी है राशि, अब डूब जाएगी
तरनतारन और पट्टी में डेढ़ से ढाई लाख रुपये प्रति मरले के हिसाब से प्लाटों के रेट चल रहे हैं। 2018 के बाद अस्तित्व में आने वाली कालोनियों में प्लाट खरीदने के लिए सैकड़ों लोगों ने पेशगी के तौर पर कालोनाइजरों को लाखों रुपये एडवांस दिए हैं। न तो कालोनाइजर पेशगी के रूप में ली गई राशि देने को तैयार है और न ही बिना एनओसी के प्लाट देने के लिए ग्राहक रजिस्ट्री करवाए बिना निर्माण करने से सहमत हैं। ऐसे में लोगों के पैसे डूब जाएंगे। वहीं नई बन रही कालोनियों का काम भी फिलहाल ठप हो जाएगा।