ढोटियां में पूर्व सरपंच राणा 30 दिन से चला रहे लंगर
भूखे को रोटी खिलाना सबसे बड़ा पुण्य समझा जाता है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
भूखे को रोटी खिलाना सबसे बड़ा पुण्य समझा जाता है। इस पुण्य के माध्यम से अपना जीवन सफल करने का अगर मौका मिला है तो पीछे क्यों हटे। वैसे भी यह धरती हमारे गुरुओं की धरती है। हमारे गुरु साहिबानों ने लंगर की प्रथा चलाई थी, जो अभी भी जारी है।
यह कहना है गांव ढोटियां के पूर्व सरपंच रंजीत सिंह राणा का। राणा भले ही कांग्रेस पार्टी से संबंधित हैं, परंतु देश में लॉकडाउन होते ही उन्होंने गांव के गुरुद्वारा साहिब से अनाउस्मेंट करवाते सियासत को एक तरफ कर दिया था। उसी दिन से इलाके के जरूरतमंद परिवारों लिए लंगर शुरू किया था। इस लंगर में गांव के मोहतबर लोगों ने अपना सहयोग दिया। कोविड-19 के मद्देनजर यह लंगर उसी दिन से चला आ रहा है। 30 दिन के दौरान हजारों की संख्या में जरूरतमंद लोगों को यहां दो वक्त का ताजा भोजन और चाय मिलती है। रोजाना दो क्विंटल आटे से रोटियां बनाई जाती हैं। दाल, काले चने और मौसमी सब्जियों को तड़का लगाकर बकायदा अरदास की जाती है। अरदास के बाद लंगर शुरू हो जाता है। रंजीत सिंह राणा ने बताया कि लंगर में गांव के लोग सहयोग तो करते ही हैं, अब विदेशों से भी गुरु के प्रेमी रसद भेज रहे हैं। लंगर तैयार करने से लेकर जरूरतमंदों को छकाने की सेवा को बकायदा सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है।
ग्रामीणों का भरपूर सहयोग
रंजीत सिंह राणा ने बताया कि मेजर सिंह, अजीत सिंह, बाबा ख्जान सिंह, मेजर सिंह, सुखचैन सिंह, इंद्रजीत सिंह, निंदर सिंह, मंगल सिंह, मंगा सिंह राजा, बापू इंद्र सिंह, बलविंदर सिंह बब्बी, सुक्खा सिंह, सोनू सिंह, हरप्रीत सिंह हैप्पी, नरिदर सिंह निक्का द्वारा लंगर तैयार करने और बांटने में पूरा सहयोग दिया जा रहा है।