थाने पर पथराव करने वाले किसानों की नहीं होगी गिरफ्तारी
आलमराज सिंह पत्तू के विरुद्ध भ्रष्टाचार को लेकर दी गई शिकायत पर कार्रवाई न होने विरुद्ध थाना खेमकरण का घेराव किया गया था।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : बुधवार की रात को नगर पंचायत खेमकरण के अध्यक्ष आलमराज सिंह पत्तू के विरुद्ध भ्रष्टाचार को लेकर दी गई शिकायत पर कार्रवाई न होने विरुद्ध थाना खेमकरण का घेराव किया गया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। झड़प के दौरान धरनाकारियों द्वारा थाने पर पथराव किया गया था। पुलिस ने 79 लोगों के विरुद्ध जो मामला दर्ज किया था, वे एक ही दिन में ठंडे बस्ते में पड़ गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश पर स्थानीय पुलिस शुक्रवार को पूरी तरह से ठंडी पड़ गई।
बॉर्डर एरिया किसान संघर्ष कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भूरा कोहना, उसके भाई मंजीत सिंह, पत्नी बलजीत कौर, वृद्ध मां मंजीत कौर सहित 79 लोगों के विरुद्ध पुलिस ने इरादत्न हत्या, आर्म्स एक्ट, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। एसएसपी ध्रुव दहिया ने दावा किया था कि सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले में दखल देते हुए डीजीपी (पंजाब) दिनकर गुप्ता को आदेश दिया कि खेमकरण मामले को फौरी शांत किया जाए, जिसके बाद पीसीएस रैंक के अधिकारी ने किसान नेता सुरजीत सिंह भूरा को अकेले अपने दफ्तर में बुलाया और आश्वासन दिया कि पुलिस किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं करेगी। साथ ही भूरा ने आश्वासन दिया कि इस मामले में किसान जत्थेबंदी द्वारा भविष्य में न कोई धरना लगाया जाएगा और न ही प्रदर्शन किया जाएगा।
उधर, एसपी (आइ) जगजीत सिंह वालिया ने केवल ये कहा कि बॉर्डर एरिया किसान संघर्ष कमेटी के नुमाइंदे मामले की जांच करवाने लिखित दरखास्त लेकर आए थे, परंतु आज एसएसपी यहां मौजूद नहीं। सारा मामला उनके ध्यान में है। इस मामले में एसएसपी ही कुछ कह पाएंगे। किसानों ने समझौता करने में ही समझी भलाई
बता दें कि उक्त अधिकारी ने साफ किया था कि पुलिस द्वारा लगाई गई धाराओं का मामला संगीन है। किसी भी आरोपित की जमानत पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से भी संभव हो सकती है, जिसके बाद किसान नेता ने पुलिस से राजीनामा करने में ही भलाई समझी। शुक्रवार को बॉर्डर एरिया किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष रघबीर सिंह भंगाला, सुखदेव सिंह भूरा की अगुआई में किसान नेताओं का शिष्टमंडल पुलिस अधिकारियों को मिला, जिसके बाद थाना खेमकरण में दर्ज एफआइआर की जांच करने का आश्वासन दिया गया।