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किसान जरनैल सिंह ने कायम की मिसाल

मास्टर जरनैल सिंह पिछले पाच सालों से 38 एकड़ भूमि में फसलों की वेस्टेज को कृषि विशेषज्ञों की सलाह से खेतों में मिला रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:08 AM (IST)
किसान जरनैल सिंह ने कायम की मिसाल
किसान जरनैल सिंह ने कायम की मिसाल

संवाद सूत्र, पट्टी : मास्टर जरनैल सिंह पिछले पाच सालों से 38 एकड़ भूमि में फसलों की वेस्टेज को कृषि विशेषज्ञों की सलाह से खेतों में मिला रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उनकी जमीन में काफी सुधार हुआ है। वेस्टेज को खेतों में लगातार खेतों में मिलाने से जहा पांच एकड़ बासमती में किसी तरह की रसायनिक खाद्य या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया, वहीं 33 एकड़ में खाद्य का आधा प्रयोग व कीटनाशक दवाइयों का नाममात्र प्रयोग किया है।

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जरनैल सिंह ने बताया कि उन्हे पिछले साल के मुकाबले इस बार तीन लाख रुपये की बचत हुई है जबकि फसल का झाड़ भी बढ़ी है। गाव ज्योति शाह सभरा पटी के उद्यमी किसान जरनैल सिंह इतिहास के सेवामुक्त लेक्चरर हैं। उनका मानना है कि प्रकृति के साथ चलना जहा सरल है वहीं आर्थिक तौर पर भी लाभदायक है। उन्होंने इसी सोच पर चलते हुए आठ एकड़ खेत के आस-पास टाहली, किक्कर व नीम आदि के पौधे लगाए गए हुए है।

उन्होंने किसानों से अपील की कि फसलों के वेस्टेज को आग लगाने की बजाय खेतों में भी मिलाना चाहिए। इस मौके पराली प्रबंधन के लिए प्रयत्न कर रहे कृषि अधिकारी डॉ. भूपिंदर सिंह, एडीओ डॉ. संदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जरनैल सिंह गेहूं व धान की नाड़ को पराली में मिलाने व अधिक मात्रा में पानी लगाए बिना खेती करते हैं, जिससे जमीन के पोषक तत्व नष्ट होने से बच जाते हैं वहीं पानी की भी बचत होती है।


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