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अब टूटी नींद: पुलवामा हमले में शहीद सुखजिंदर के परिवार को मिली एक साल बाद सहायता राशि

पुलवामा के आतंकी हमले मेंं शहीद हुए सुखजिंदर सिंह के परिवार को पंजाब सरकार द्वारा घोषित 12 लाख रुपये की सहायता राशि के सात लाख रुपये एक साल बाद मिले।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 07:32 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:19 AM (IST)
अब टूटी नींद:  पुलवामा हमले में शहीद सुखजिंदर के परिवार को मिली एक साल बाद सहायता राशि
अब टूटी नींद: पुलवामा हमले में शहीद सुखजिंदर के परिवार को मिली एक साल बाद सहायता राशि

तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। पंजाब सरकार व जिला प्रशासन की एक साल बाद आखिरकार नींद टूटी और पु‍लवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवान के परिवार को घोषित सहायता राशि मिली। पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के हवलदार सुखजिंदर सिंह शहीद हो गए थे। पंजाब सरकार ने उनके परिवार को 12 लाख रुपये की सहायता राशि और एक सदस्‍य को नौकरी देने की घोषणा की थी। पांच लाख रुपये तो उसी समय दे दिए गए थे, बाकि सात लाख रुपये शुक्रवार को एक साल बाद दिए गए।

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दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद आखिरकार साल बाद प्रशासन की नींद टूटी और पहली बरसी पर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के हवलदार सुखजिंदर सिंह के परिवार को बकाया सात लाख की राशि दे दी गई।  एडीसी सुरिंदर सिंह ने यह राशि शुक्रवार को शहीद परिवार को सौंपी। शहादत के समय पंजाब सरकार ने सरकार 12 लाख रुपये की राशि शहीद परिवार को देने की घोषणा की थी लेकिन उस समय कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने पांच लाख की राशि ही दी थी।

विधानसभा हलका पट्टी के गांव गंडीविंड में गुरुद्वारा साहिब शहीद सुखजिंदर सिंह की पहली बरसी पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि समागम करवाया गया। इस मौक पर एडीसी (जनरल) सुरिंदर सिंह ने शहीद की पत्‍नी सरबजीत कौर को पांच लाख की राशि का चेक सौंपा।

एडीसी ने पहली बरसी पर गांव गंडीविंड पहुंच दी परिवार को सहायता राशि

इसके साथ ही शहीद के पिता गुरमेज सिंह व माता हरभजन कौर के संयुक्त बैैंक खाते में भी दो लाख की नकदी जमा करवा दी। शहादत के समय भी सरकार की तरफ से ढाई लाख की राशि का चेक शहीद की पत्नी और इतनी ही राशि का चेक शहीद के माता-पिता को दिया गया था।

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 नौकरी के लिए ग्रेजुएशन करेगी सरबजीत

शहीद सुखजिंदर सिंह की पत्नी को सरकार की तरफ से चपरासी की नौकरी दी जा रही थी, जो उसने लेने से मना कर दिया। अब सरकार ने फैसला किया है कि शैक्षणिक योग्यता मुताबिक नौकरी तीन वर्ष बाद दी जा सकती है। शहीद सुखजिंदर सिंह की पत्‍नी सरबजीत कौर ने बताया कि वह 12वीं पास है। चपरासी की नौकरी हरगिज नहीं करेंगी। तीन वर्ष के दौरान ग्रेजुएशन की पढ़ाई करूंगी, फिर नौकरी ज्वाइन करूंगी। सरबजीत कौर ने बताया कि मेरा बेटा गुरजोत सिंह अभी डेढ़ वर्ष का है। ऐसे में बेटे को नौकरी की बात करना उचित नहीं।

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दैनिक जागरण उठाया सात लाख न मिलने का मामला तो कैप्टन ने जारी किए आदेश

शहीद सुखजिंदर के परिवार को बकाया सात लाख की राशि साल बाद भी न मिलने के संबंध में दैनिक जागरण ने 12 फरवरी को 'बीता साल, न मिली नौकरी, न सात लाख'  शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। अगले ही दिन शिअद अध्यक्ष व सांसद सुखबीर सिंह बादल ने फेसबुक पेज पर खबर की कटिंग शेयर कर कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने डिप्टी कमिश्नर तरनतारन प्रदीप सभ्रवाल को बकाया राशि शहीद परिवार को देने के आदेश दिए थे। 

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शहीद परिवार ने दैनिक जागरण का किया धन्यवाद

शहीद सुखजिंदर सिंह के परिवार ने दैनिक जागरण का धन्यवाद करते हुए कहा कि शहादत के समय सरकार की तरफ से 12 लाख की राशि देने का वादा किया गया था। पांच लाख रुपये मिले थे लेकिन सात लाख रुपये एक साल बाद भी नहीं मिले थे। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद सरकार की नींद टूटी है और बकाया राशि बरसी पर मिल गई। शहीद के पिता गुरमेज सिंह, मां हरभजन कौर, भाई गुरजंट सिंह, बहन लखविंदर कौर ने कहा कि सरकार को सभी शहीदों के परिवार की सुध लेनी चाहिए। 


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