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डॉ. संदीप के प्रयास से क‌र्फ्यू में गरीबों पर घर पर मिल रहा भोजन

। डॉ. संदीप अग्निहोत्री ने ऐसे परिवारों का पेट भरने के लिए अपनी जेब से खर्च करके रोटियां तैयार करने वाली मशीन लगवाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 06:12 AM (IST)
डॉ. संदीप के प्रयास से क‌र्फ्यू में गरीबों पर घर पर मिल रहा भोजन
डॉ. संदीप के प्रयास से क‌र्फ्यू में गरीबों पर घर पर मिल रहा भोजन

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : भूखे को भोजन खिलाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं। मैंने संकल्प लिया है कि क‌र्फ्यू के बीच कोई भी जरूरतमंद परिवार भूखा न रहे। इसीलिए यहां पर मशीन लगाकर रोटियां तैयार की जाती हैं। यह मशीन तब तक चलती रहेगी, जब तक लोगों की जरूरत पूरी नहीं होती।

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यह कहना है युवा कांग्रेस नेता संदीप अग्निहोत्री का। नेता होने के साथ-साथ डॉ. संदीप अग्निहोत्री डॉक्टर हैं, उनकी पत्नी ज्योति भी डॉक्टर हैं। कोरोना को लेकर प्रदेश में क‌र्फ्यू का दौर चल रहा है। शहर में करीब पांच से सात हजार लोग गरीब वर्ग से संबंधित है। इन परिवारों के घरों में 12 दिनों से चूल्हा नहीं जल पाया। डॉ. संदीप अग्निहोत्री ने ऐसे परिवारों का पेट भरने के लिए अपनी जेब से खर्च करके रोटियां तैयार करने वाली मशीन लगवाई है। मशीन प्रत्येक घंटे में छह हजार रोटियां तैयार करती हैं। आटा गूंधने से लेकर रोटी तैयार होने तक मशीन को चलाने के लिए किसी की जरूरत नहीं पड़ती। गैस के माध्यम से चलने वाली यह मशीन आटा गूंधकर अपने आप ही रोटियां तैयार करके निकालती है। तीन से चार घंटे में शहर के गरीब लोगों की जरूरत मुताबिक 22 से 25 हजार रोटियां तैयार की जाती हैं। रोटियों के साथ सभी गरीब परिवारों को मौसमी सब्जी और दाल भी सप्लाई की जाती है। इसके लिए दस कारीगर रखे गए हैं। मसाले एकतित्र करना, दाल, सब्जी का प्रबंध करना, मशीन द्वारा तैयार की गई रोटियों को पैक करना, तैयार हुई दाल, सब्जी को शहर की कुल 23 वार्डो के सेवादारों तक पहुंचाने के लिए चेन बनाई गई है।

डॉ. संदीप अग्निहोत्री कहते हैं कि क‌र्फ्यू का पालन करने में गरीब वर्ग प्रशासन का अधिक साथ देते हैं। ऐसे परिवारों को पेट की आग बुझाने के लिए लंगर तैयार करके देने में आनंद मिल रहा है। कोरोना के खत्म होने तक यह लंगर जारी रहेगा। भोजन पैक करने और बांटने वाला स्टाफ होता है सैनिटाइज

डॉ. संदीप अग्निहोत्री ने बताया कि भोजन तैयार करने, पैक करने और बांटने वाला सारा स्टाफ बकायदा सैनिटाइज करवाया जाता है। यहां तक कि उनकी टीम जब घरों में जाकर लंगर परोसती है तो परिवारों को भी सैनिटाइज की आदत डाली जाती है। वाहेगुरु ने मेरे परिवार को जो सेवा बख्शी है उसको निभाना ही मेरा सौभाग्य है। रोटी के लिए मशीन लगाने का मकसद सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना है। क्योंकि मशीन के लिए मैनपावर की जरूरत नहीं है।


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