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डोप टेस्ट को लेकर सेहत स्टाफ से दु‌र्व्यवहार, बुलानी पड़ी पुलिस

। पंजाब सरकार की ओर से डोप टेस्ट को लेकर नए दिशा-निर्देश जिले में लागू हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 01:03 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:09 AM (IST)
डोप टेस्ट को लेकर सेहत स्टाफ से दु‌र्व्यवहार, बुलानी पड़ी पुलिस
डोप टेस्ट को लेकर सेहत स्टाफ से दु‌र्व्यवहार, बुलानी पड़ी पुलिस

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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पंजाब सरकार की ओर से डोप टेस्ट को लेकर नए दिशा-निर्देश जिले में लागू हो गए हैं। इसी के साथ ही अब सिविल अस्पताल पट्टी में डोप टेस्ट नहीं हो पाएंगे। मंगलवार को सिविल अस्पताल तरनतारन में 150 लोग पहुंचे, परंतु नियमानुसार इनमें से केवल 25 लोगों को ही टेस्ट के लिए टोकन जारी किए गए। निराश हुए कुछ लोगों ने सेहत विभाग के स्टाफ के साथ कथित तौर पर दु‌र्व्यवहार किया। इस वजह से दो बार पुलिस मंगवानी पड़ी।

प्रदेश सरकार द्वारा डोप टेस्ट को लेकर जो आदेश जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक डोप टेस्ट करवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुविधा सेंटर से रजिस्ट्रेशन करवानी है। पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर के बिना डोप टेस्ट करने पर रोक है। इस कारण सिविल अस्पताल पट्टी में डोप टेस्ट का काम रोक दिया गया है। मंगलवार को सिविल अस्पताल तरनतारन में करीब 150 लोग पहुंच गए। ये सिर्फ वहीं लोग थे जो सरकारी आदेशों के मुताबिक सेवा केंद्रों से रजिस्ट्रेशन करवाकर आए थे। नए आदेशों के मुताबिक एक दिन में 25 डोप टेस्ट ही हो सकते हैं, इसलिए सेहत स्टाफ ने 25 लोगों को टोकन बांट दिए। जबकि बाकी लोग टोकन न मिलने से नाराज होते हुए स्टाफ से कथित तौर पर दु‌र्व्यवहार पर उतर आए। डॉ. रेखा राणा और डॉ. केडी सिंह ने एसएमओ डॉ. इंद्रमोहन गुप्ता को इस संबंध में दो बार शिकायत की। इसके बाद मामला एसएसपी के ध्यान में लाते हुए दो बार सिविल अस्पताल में पुलिस बुलानी पड़ी।

वहीं, डोप टेस्ट के लिए पहुंचे हरभजन सिंह ममणके ने बताया कि असलहा लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए टेस्ट जरूरी है, किंतु अस्पताल में तैनात स्टाफ पगड़ी की तलाशी लेना चाहता है। इसी तरह, गांव पनगोटा निवासी दिलबाग सिंह ने आरोप लगाया कि पट्टी में जान बूझकर डोप टेस्ट बंद करके उनको परेशान किया जा रहा है। गांव शाहबाजपुर निवासी बलविंदर सिंह ने कहा कि वे पिछले सप्ताह भी डोप टेस्ट करवाने लिए आया था, किंतु उसे टोकन ही नहीं मिला। आज फिर उसे टोकन लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इसी तरह, गांव लौहुका निवासी बलजीत सिंह ने कहा कि डोप टेस्ट करवाने वाले लोगों की तुलना में सिविल अस्पताल में स्टाफ की कमी है। इसी कारण सारी समस्या आ रही है। नियमों के मुताबिक ही होगा डोप टेस्ट : एसएमओ डॉ. गुप्ता

एसएमओ डॉ. इंद्रमोहन गुप्ता ने डोप टेस्ट करवाने आए लोगों को समझाया और कहा कि नए सरकारी आदेशों के तहत ही डोप टेस्ट किए जा रहे हैं। किंतु कुछ लोग प्रशासनिक और सियासी दबाव डालने का प्रयास करते हैं। सरकार द्वारा तय मापदंडों को ही तरजीह दी जा रही है। सरकारी काम में कोई भी दबाव नहीं चलेगा।


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