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वेंटीलेटर, आइसीयू और सिटी स्कैन सुविधा के बिना चल रहा है जिला स्तरीय अस्पताल

पाच जनवरी 1973 को मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने तरनतारन शहर को सिविल अस्पताल की सौगात दी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 12:42 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 12:42 AM (IST)
वेंटीलेटर, आइसीयू और सिटी स्कैन सुविधा के बिना चल रहा है जिला स्तरीय अस्पताल
वेंटीलेटर, आइसीयू और सिटी स्कैन सुविधा के बिना चल रहा है जिला स्तरीय अस्पताल

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : पाच जनवरी 1973 को मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने तरनतारन शहर को सिविल अस्पताल की सौगात दी थी। समय-समय पर इस अस्पताल का विकास होता रहा, लेकिन जरूरत के मुताबिक सेहत सुविधाएं देने में यह अस्पताल पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाया। जिला बने 13 वर्ष गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक जिला स्तरीय अस्पताल सिटी स्कैन, आइसीयू और वेंटीलेटर के बिना ही चल रहा है।

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गत वर्ष इस अस्पताल में एक माह के दौरान 21 हजार 431 मरीजों की रजिस्ट्रेशन हुई थी। जबकि विभिन्न बीमारियों के इलाज लिए यहा 916 लोगों को भर्ती किया गया। एक माह के दौरान यहा पर 724 मरीजों के ऑपरेशन किए गए, जबकि 186 डिलीवरी के केस हुए। इस अस्पताल में एक माह के दौरान 1159 एक्सरे, 277 ईसीजी, 680 अल्ट्रासाउंड, 30812 लेब टेस्ट किए गए। इन मरीजों से यूजर चार्जस के तौर पर 14 लाख 23 हजार 130 रुपये वसूल किए गए। अब बात करें अस्पताल में कम स्टाफ की तो मरीजों की आमद को मुख्य रखते हुए सारा दिन यहा पर भीड़ लगी रहती है। मेडिकल अधिकारियों के यहा पर चार पद खाली है। बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टर का एक पद, बेहोशी के डॉक्टर का एक पद, फार्मासिस्ट के पाच पद, ईएमओ के सात पद खाली चले आ रहे है। ड्राइवर का यहा पर एक पद लंबे समय से खाली है। सुविधाएं न मिलने से लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिलप्रीत सिंह, पवन कुमार, हरमीत सिंह, कुलजीत सिंह और किशोरी लाल कहते है कि अस्पताल में खाली पड़े पदों को सरकार को शीघ्र भरना चाहिए।

एक नजर अस्पताल की अपग्रेडशन पर

-5 जनवरी 1973 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने सिविल अस्पताल, तरनतारन का उद्घाटन किया था।

-26 अक्टूबर 1990 को राज्यपाल के सलाहकार पीके कठपालिया द्वारा इमरजेंसी वार्ड का नींव पत्थर रखा गया।

-14 फरवरी 1994 को सेहत मंत्री हरचरण सिंह बराड़ द्वारा इमरजेंसी वार्ड का उद्घाटन किया गया।

-9 जुलाई 2013 को आठ करोड़ की लागत से तैयार 50 बेड वाली नई इमारत का उद्घाटन सेहत मंत्री मदन मोहन मित्तल द्वारा किया गया।

मंत्री जी का आश्वासन भी अधूरा

50 बेड से सिविल अस्पताल को 100 बेड में परिवर्तित करते हुए नौ जुलाई 2013 को सेहत मंत्री मदन मोहन मित्तल ने इस जिला स्तरीय अस्पताल का दर्ज दिया गया गया था। उन्होंने अस्पताल में आईसीयू केंद्र, वेंटीलेटर और सीटी स्कैन की सुविधा जल्द दिलाने का आश्वासन दिया था, परंतु अभी तक ये सुविधा नहीं मिल पाई।

मरीजों को बेहतर सुविधाएं दिलाना जरूरी : विधायक डॉ. अग्निहोत्री

विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा कि जिला स्तरीय अस्पताल में सीटी स्कैन, वेंटीलेटर, आईसीयू की कमी है। सीमा से लगते जिले में मरीजों को बेहतर सेहत सेवाएं दिलाना जरूरी है। हाल ही में सरकार की ओर से साढ़े सात करोड़ की राशि खर्च कर 50 बेड वाला जच्चा-बच्चा वार्ड बनवाया गया। ये वार्ड शीघ्र लोकार्पित किया जाएगा। इसके साथ ही साढ़े छह करोड़ की लागत से ट्रोमा वार्ड का निर्माण शुरू करवाया जाएगा ताकि आपातकालीन के समय में मरीजों को बेहतर सेहत सुविधाएं मिल सके।


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