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पुलिस का कारनामा, तीन माह दर्ज हुई एफआइआर, आरोपित का नाम नहीं

तरनतारन : कस्बा सुरसिंह में 13 मई को घर से अगवा की गई नाबालिग लड़की का मामला दर्ज करने में पुलिस को पौने तीन माह लग गए। लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि एफआइआर में आरोपितों के नाम ही शामिल नहीं किए गए जो पीड़ित परिवार ने अपनी शिकायत में लिख कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 06:49 PM (IST)
पुलिस का कारनामा, तीन माह दर्ज हुई एफआइआर, आरोपित का नाम नहीं
पुलिस का कारनामा, तीन माह दर्ज हुई एफआइआर, आरोपित का नाम नहीं

जागरण संवाददाता, तरनतारन : कस्बा सुरसिंह में 13 मई को घर से अगवा की गई नाबालिग लड़की का मामला दर्ज करने में पुलिस को पौने तीन माह लग गए। लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि एफआइआर में आरोपितों के नाम ही शामिल नहीं किए गए जो पीड़ित परिवार ने अपनी शिकायत में लिख कर दिया था। हालाकि पुलिस का कहना है कि कानून विशेषज्ञों की राय लेने के बाद ही यह केस दर्ज किया गया है। और लड़की की तलाश जारी है।

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विधान सभा हलका खेमकरन के कस्बा सुरसिंह निवासी किसान ने बताया कि 13 मई 2018 को वह अपनी पत्नी के साथ घर का सामान लेने बाजार गया। शाम को वापिस लौटा तो उसकी नाबालिग बेटी घर में नहीं थी। जिसकी काफी तलाश की गई। बाद में पता चला कि उसे कस्बा निवासी पुलिस कांस्टेबल का लड़का अगवा करके ले गया है। उक्त लड़के ने नाबालिग लड़की को किसी रिश्तेदार के पास बंधक बना कर रखा है। किसान ने बताया कि उसकी लड़की 17 वर्ष की नाबालिग है परंतु गलती से आधार कार्ड बनवाते समय उम्र 20 साल लिखी गई है। जिसका फायदा पुलिस कांस्टेबल और उसका लड़का उठा रहा है। उन्होंने कहा कि लड़की को वापिस लौटाने के लिए कई बार गुहार लगाई परंतू कांस्टेबल ने खाकी वर्दी का रोब जमाते हुए कहा कि जो भी करना है कर लो। लड़की बालिग है और अपनी मर्जी के साथ वह जिंदगी बिता रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को दी शिकायत में जो नाम लिख कर दिए थे उस मुताबिक एफआइआर दर्ज नहीं की गई बल्कि जांच अधिकारी बार बार यह धमकाता रहा कि अगर लड़की किसी और जगह से बरामद हुई तो दर्ज की एफआइआर उल्टी पड़ जाएगी। लड़की के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पौने तीन माह बाद भी उनकी लड़की न तो वापिस आई और न ही पुलिस ने उसे बरामद किया गया है। लड़की के पिता ने बताया कि बुधवार की शाम को थाना भिखीविंड में धारा 365 के तहत जो एफआइआर दर्ज की है उसमें किसी भी आरोपित का नाम शामिल नहीं किया गया। लड़की के पिता ने इस संबंध में पत्र लिख कर मुख्यमंत्री सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से न्याय की मांग की है।

शिकायतकर्ता ने नहीं दिया कोई ठोस सबूत : जांच अधिकारी

उधर थाना भिखीविंड में तैनात जांच अधिकारी सुरिंदरपाल सिंह ने कहा कि लड़की के पिता की सहमती से ही थाना भिखीविंड में एफआइआर नंबर 114 दर्ज की गई है। यह एफआइआर कानूनी माहिरों की राय के बाद दर्ज की गई है क्योकि शिकायतकर्ता द्वारा ऐसा कोई भी ठोस सबूत नहीं दिया गया जिसमें लड़की को अगवा करने का मामला साबित हो।


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