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चार वेदों का ज्ञान लेने के बावजूद रावण ने नहीं छोड़ा था अहंकार : अग्निहोत्री

श्री सनातन धर्म सभा की ओर से मंदिर परिसर में रावण और कुंभकर्ण के 35 फुट ऊंचे पुतले दहन किए गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 05:02 AM (IST)
चार वेदों का ज्ञान लेने के बावजूद रावण ने नहीं छोड़ा था अहंकार : अग्निहोत्री
चार वेदों का ज्ञान लेने के बावजूद रावण ने नहीं छोड़ा था अहंकार : अग्निहोत्री

जागरण संवाददाता, तरनतारन : श्री सनातन धर्म सभा की ओर से मंदिर परिसर में रावण और कुंभकर्ण के 35 फुट ऊंचे पुतले दहन किए गए। सभा की ओर से यह 76वां समागम आयोजित किया गया है, जिसमें विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत करते पुतले जलाने की रस्म अदा की।

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उन्होंने कहा कि दशहरे का पर्व हमें नेकी पर चलने की सीख देता है। हमें चाहिए कि समाजिक बुराइयों का खात्मा करके भगवान श्रीराम चंद्र जी के दर्शाए मार्ग पर चले। उन्होंने कहा कि रावण ने चार वेदों का ज्ञान लेकर भगवान श्री शिव से सोने की लंका प्राप्त की थी। परंतु रावण के अहंकार कारण आज देश भर में भगवान श्रीराम चंद्र जी की जय-जयकार हो रही है और रावण और कुंभकर्ण के अलावा मेघनाद के पुतले जलाए जा रहे है।

सनातन धर्म सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष अजीत अग्रवाल, अश्वनी कुक्कू, सुभाष तेजपाल, पंडित महांवीर प्रसाद, अमित शर्मा ने विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री को सम्मानित किया। इस मौके संदीप अग्निहोत्री, कश्मीर सिंह सिद्धू, जनक राज अरोड़ा, गुरमिंदर सिंह रटौल, रितिक अरोड़ा, यशपाल शर्मा, मंजीत सिंह ढिल्लों, अवतार सिंह तनेजा, रवि कुमार गगन, सोनू दोदे, संजीव कुंदरा, मंगल दास मुनीम, परमवीर सिंह तरनतारनी, सुखदेव सिंह लौहका, सतपाल शर्मा, सुरिंदर सिंह मल्ली, मनोज अग्निहोत्री, हरजीत सिंह हीरा, तेजिंदरपाल टींडा, बसंत लाल, अशोक गुप्ता को श्री सनातन धर्म सभा की ओर से सम्मानित किया गया।


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