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डोप टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच के डीसी ने दिए आदेश

। पुलिस मुलाजिमों की डोप टेस्ट रिपोर्ट में हुए कथित फर्जीवाड़े की जांच के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने आदेश दे दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 12:41 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:12 AM (IST)
डोप टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच के डीसी ने दिए आदेश
डोप टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच के डीसी ने दिए आदेश

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

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नशा पकड़कर वाहवाही लूटने वाली तरनतारन पुलिस में नशे के जाल में फंसे पुलिस मुलाजिमों की डोप टेस्ट रिपोर्ट में हुए कथित फर्जीवाड़े की जांच के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में मंगलवार को बाकायदा एडीसी जनरल संदीप कुमार की अगुआई में जांच टीम गठित करते हुए 15 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

नशे के लिए बदनाम तरनतारन के कई गांवों से अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार करके उनकी जायदाद को जब्त करने की मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम के दौरान एसएसपी को पता चला कि पुलिस विभाग में कई कर्मचारी नशे का शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पताल पट्टी और तरनतारन से इन कर्मियों के डोप टेस्ट करवाए गए। डोप टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। नशे से लड़खड़ाने वाले पुलिस मुलाजिमों को देखकर एसएसपी को उस रिपोर्ट पर भरोसा नहीं हुआ। इसके बाद डीएसपी (आइ) सुखनिंदर सिंह की अगुआई में उन्हीं पुलिस कर्मियों का अमृतसर से दोबारा डोप टेस्ट करवाया गया। इस बार आई रिपोर्ट देखकर एसएसपी हैरान रह गए क्योंकि सभी की रिपोर्ट पॉजीटिव थी।

दैनिक जागरण ने इस मामला प्रमुखता से उठाते हुए बताया था कि मॉर्फिन दवा के अलावा चिट्टे (हेरोइन) और अफीम का नशा करने वाले 13 पुलिस मुलाजिम ऐसे हैं जो आठ वर्ष से नशे की लत का शिकार हैं। सेहत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने मंगलवार को आइएएस अधिकारी संदीप कुमार (एडीसी जनरल) की अगुआई में जांच टीम का गठन किया। डीसी सभ्रवाल ने बताया कि डोप टेस्ट के मामले में सेहत विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इसलिए इस मामले की जांच जरूरी है। मैंने ही जांच के लिए लिखा था: एसएसपी दहिया एसएसपी ध्रुव दहिया का कहना है कि पुलिस मुलाजिमों की डोप टेस्ट की पॉजीटिव रिपोर्ट देखकर वह खुद हैरान हैं। उन्होंने खुद ही डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने को कहा था। एसएसपी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में अगर सेहत विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया तो, बकायदा एफआइआर दर्ज होगी। अब सरकारी विभागों पर भी रहेगी नजर : डिप्टी कमिश्नर डीसी प्रदीप सभ्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को नशा मुक्त बनाने लिए पंचायतों को पाबंद किया गया है। ऐसे में अगर कोई अधिकारी या सरकारी कर्मचारी नशे को बढ़ावा देता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। लंबे समय से नशे की लत के शिकार तरनतारन को नशा मुक्त बनाने लिए बड़े स्तर पर मुहिम जारी रहेगी। अब सरकारी विभागों में भी यह मुहिम चलाई जाएगी। रिपोर्ट आते ही सरकार अपना फर्ज निभाएगी : डॉ. अग्निहोत्री विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते हैं कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए बकायदा एसटीएफ बनाई गई है। सरकार एक तरफ नशे के खिलाफ युद्ध स्तर पर मुहिम चला रही है, दूसरी तरफ नशे का शिकार पुलिस कर्मियों के डोप टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आना चिंता का विषय है। इस मामले में एडीसी (जनरल) की अगुवाई में बनाई गई टीम की रिपोर्ट आते ही सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।


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