नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटेंगे
रात को नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लगाए कर्फ्यू के मद्देनजर डीसी कुलवंत सिंह ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी आदेश मुताबिक 30 अप्रैल तक रात का कर्फ्यू जारी रहेगा।
जासं, तरनतारन : रात को नौ बजे से सुबह पांच बजे तक लगाए कर्फ्यू के मद्देनजर डीसी कुलवंत सिंह ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी आदेश मुताबिक 30 अप्रैल तक रात का कर्फ्यू जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक पार्टियों को रैलियां और बैठकें करने पर रोक लगाई है। नियमों का उल्लंघन करने वाले संचालकों, कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों, जगह के मालिकों व टेंट मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिस जगह पर कार्यक्रम किया जाएगा, वह जगह तीन माह तक सील रहेगी। डीसी ने बताया कि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक जरूरी सेवाओं को छोड़कर कर्फ्यू रहेगा। बस, ट्रेन, हवाई जहाज से उतरकर अपनी मंजिल की ओर जाने वाले लोगों पर कोई पाबंदी नहीं होगी। विवाह समागम व शौक समागम में 50 लोग इकट्ठे हो सकेंगे। जबकि इमारत के बाहर 100 लोगों का इकट्ठा हो सकेगा। सिनेमा, मल्टीप्लेक्स, माल में 50 फीसद इकट्ठ ही किया जा सकेगा। किसी भी दुकान पर दस से अधिक लोगों की भीड़ नहीं होगी। डीसी ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए उक्त नियमों का पालन जरूरी है। उधर, सरकार की ओर से डीएपी खाद , कपास के बीजों के रेटों में वृद्धि और गेहूं खरीद में लागू की जा रही शर्तों के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ताओं की ओर से रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों ने सरकार का पुतला फूंका। अमृतसर फिरोजपुर मार्ग पर गांव चब्बा के पास धरना देकर व पुतला फूंककर प्रदर्शनकारियों ने एलान किया कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 18 अप्रैल को भगतांवाला आनाज मंडी में विशाल रैली की जाएगी।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार की ओर से साजिश करके डीएपी खाद के रेटों में प्रति बोरी भारी वृद्धि की गई है। इस से पहले कपास के बीजों के रेट में प्रति पैकेट 35 रुपये वृद्धि की गई है। गेहूं की खरीद के लिए भी सरकार की ओर से किसानों पर कई शर्तें लगाई जा रही है। किसानों से भूमि के दस्तावेज न जमा करवाने पर पेमेंट रोकने के आदेश दिए गए है। अनाज के खराब दानों की भी कटौती किसानों के खातों में की जाएगी।