थाना सिटी के मृत मुंशी को अदालत ने दिया भगोड़ा करार
। सेना से सेवामुक्त सूबेदार मलावा सिंह की लाइसेंसी कारबाइन गुम होने के मामले में थाना सिटी के मृत मुंशी को अदालत ने भगोड़ा करार दे दिया है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : सेना से सेवामुक्त सूबेदार मलावा सिंह की लाइसेंसी कारबाइन गुम होने के मामले में थाना सिटी के मृत मुंशी को अदालत ने भगोड़ा करार दे दिया है। हालांकि आरोपित सब इंस्पेक्टर का सेवामुक्त होने के बाद बीमारी के चलते देहांत हो चुका है।पुलिस ने मृतक की मौत का कोई भी रिकॉर्ड अदालत में पेश नहीं किया। अब डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए स्थानीय पुलिस आस्ट्रेलिया में रहते उसके परिवार के साथ संपर्क साध रही है।
शहर निवासी मलावा सिंह सेना से सूबेदार रिटायर हुए थे। तब पंजाब में आतंकवाद शिखर पर था। उन्होंने अपनी हिफाजत के लिए सेना से कारबाइन खरीदी थी। सेना ने यह कारबाइन उस समय निलाम की थी। उन्होंने बाकायदा इसका लाइसेंस भी बनवाया था। सूबेदार मलावा सिंह की मौत के बाद रिश्तेदारों ने यह कारबाइन थाना सिटी में जमा करवा दी। तब तरनतारन जिले के एसएसपी अजीत सिंह संधू ने कांग्रेस नेता बख्शीश सिंह दरिया को निजी सुरक्षा के लिए यह कारबाइन अस्थायी तौर पर अलाट कर दी।
एसएसपी के आदेश के बाद थाना सिटी के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह के कहने पर मुंशी बलजिंदर सिंह ने बख्शीश सिंह दरिया को यह कारबाइन सौंप दी थी, जो बाद में जमा नहीं करवाई गई। सूबेदार मलावा सिंह की बहू के भांजे दलजीत सिंह ने कारबाइन लापता होने की कांग्रेस नेता बख्शीश सिंह दरिया के खिलाफ 2014 में थाना सिटी में केस नंबर 424 दर्ज करवा दिया। इस केस में बख्शीश सिंह दरिया के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया गया। आरोपित दरिया ने अदालत से जमानत ले ली। मुकदमे की सुनवाई के दौरान स्थानीय अदालत ने कारबाइन जारी करने के मामले में थाना सिटी के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह व मुंशी बलजिंदर सिंह को भी आरोपित बना दिया।
इस मामले में इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत ले ली, परंतु मुंशी बलजिंदर सिंह पदोन्नत होकर सब इंस्पेक्टर बन गए। वह बीमार होने कारण अदालत में पेश नहीं हो पाए। 2018 में उनकी मौत हो गई। उधर, बख्शीश सिंह दरिया ने हाईकोर्ट से अपनी जमानत मंजूर करवा ली थी। सूबेदार मलावा सिंह की बहू के भांजे दलजीत सिंह द्वारा मुकदमे की पैरवी करते दरिया की जमानत रद करवा दी गई।
अप्रैल 2019 में बख्शीश सिंह दरिया को जेल जाना पड़ा। नौ माह के बाद जनवरी 2020 में वह अदालत से दोबारा जमानत लेने में सफल हो गए। वहीं, थाना सिटी की पुलिस बलजिंदर सिंह की मौत से बेखबर थी। इसलिए उसका डेथ सर्टिफिकेट भी अदालत में पेश नहीं किया गया। 30 अक्टूबर 2019 को सीजेएम सुमित भल्ला की अदालत ने बलजिंदर सिंह को भगोड़ा करार दे दिया। इसके बाद भी तरनतारन पुलिस की नींद नहीं टूटी और बलजिंदर सिंह के खिलाफ रविवार की रात केस दर्ज कर दिया गया। डेथ सर्टिफिकेट कोर्ट में पेश कर खारिज करवाएंगे केस: डीएसपी
डीएसपी सुच्चा सिंह बल्ल कहते हैं कि थाना सिटी में दर्ज केस की पैरवी के दौरान मुंशी बलजिंदर सिंह की मौत का कोई सुबूत कोर्ट में पेश नहीं किया गया था। इसीलिए अदालत ने लगातार गैरहाजिर रहने के कारण बलजिंदर सिंह को भगोड़ा करार दे दिया। बलजिंदर सिंह की पत्नी व बेटा विदेश जा चुके हैं। उनसे संपर्क किया जा रहा है।
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