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नगर कीर्तन विस्फोट मामले की जांच दस दिन बाद भी अधूरी

विस्फोट को दस दिन का समय गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक जांच मुकम्मल नहीं हो पाई जिसके चलते प्रशासन की कार्यगुजारी पर पीड़ित परिवारों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 11:44 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:44 PM (IST)
नगर कीर्तन विस्फोट मामले की जांच दस दिन बाद भी अधूरी
नगर कीर्तन विस्फोट मामले की जांच दस दिन बाद भी अधूरी

जासं, तरनतारन : बाबा दीप सिंह जी के जन्मदिन के संबंध में गांव पहूविंड के गुरुद्वारा साहिब में आठ फरवरी को नगर कीर्तन शुरू हुआ था। 22 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचे नगर कीर्तन दौरान जबरदस्त विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। जबकि दस युवक घायल हो गए थे। इस विस्फोट पर प्रदेश सरकार द्वारा ज्यूडीशियल जांच के आदेश दिए गए। विस्फोट को दस दिन का समय गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक जांच मुकम्मल नहीं हो पाई, जिसके चलते प्रशासन की कार्यगुजारी पर पीड़ित परिवारों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए है।

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सरकार ने एसडीएम रजनीश अरोड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। उधर, थाना सिटी की पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों के विरुद्ध एक्सप्लोसिव एक्ट अधीन मामला दर्ज करके संदेह जताया था कि ये हादसे की बजाय कहीं साजिश न हो, परंतु जिस जगह पर विस्फोट हुआ, वहां पर कोई भी पुलिस या सिविल प्रशासन का अधिकारी नहीं पहुंचा। बल्कि विस्फोट वाले दिन ही आइजी बार्डर जोन सुरिदरपाल परमार सहित अन्य पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। इस मामले में घायल हुए हरमनजीत सिंह, हरनूर सिंह, अजयपाल सिंह, गुरसिमरन सिंह अभी भी उपचाराधीन है। सरपंच इंद्रबीर सिंह पहूविंड की मानें तो उपचाराधीन चारों युवकों का हाल जानने के लिए प्रशासन का कोई भी अधिकारी लुधियाना नहीं पहुंचा। हालांकि अनमोलप्रीत सिंह भिखीविंड, सरगुण सिंह, परमजीत सिंह पहूविंड को स्थानीय अस्पताल से छुट्टी देकर रविवार को घर भेज दिया गया है। दैनिक जागरण से बातचीत मौके युवक परमजीत सिंह पहूविंड ने अपने पिता सुखदेव सिंह की मौजूदगी में बताया कि स्थानीय अस्पताल में इलाज बेहतर नहीं था। परमजीत सिंह के पिता सेना में सिपाही है। उनका कहना है कि चेहरे पर अभी भी जख्म सूख नहीं पाए। अब निजी अस्पताल से उपचार करवाने लिए मजबूर हूं। अनमोलप्रीत सिंह ने कहा कि जिस ट्राली में विस्फोट हुआ, वे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी वाली पालकी से पीछे चल रही थी। गांव डालेके में नगर कीर्तन का जब संगतों ने स्वागत किया तो ट्राली को आगे ले आए थे। धमाके के साथ चारों ओर धुंआ ही धुंआ नजर आया। थोड़ा धुंआ कम हुआ तो शरीरों के अंग व रक्त ही दिखाई दिया। महिला राजविंदर कौर ने बताया कि विस्फोट के दौरान उसके दोनों लड़के हरमनजीत सिंह और हरनूर सिंह घायल हुए थे, जिनका डीएमसी लुधियाना में बेहतर इलाज किया जा रहा है। उम्मीद है कि दोनों लड़के जल्द तंदरुस्त होकर घर लौटेंगे। श्रद्धांजलि समागम आज

विस्फोट में मरने वाले मासूम मनप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरकिरत सिंह की आत्मिक शांति के लिए रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग 16 फरवरी सोमवार को गुरुद्वारा पहूविंड साहिब में डाले जा रहे है। इस मौके पर विभिन्न सियासी, धार्मिक और समाज सेवी शख्सियतें मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी। नहीं देखने गए जांच अधिकारी

बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट बलदेव सिंह गिल कहते है कि विस्फोट वाली जगह के नजदीक उनका पेट्रोल पंप है। विस्फोट के समय वे अपने घर में ही थे। उन्होंने दावा किया कि विस्फोट के मामले की जांच लिए सरकार द्वारा उसी दिन आदेश जारी कर दिए गए थे, परंतु इतने दिनों के दौरान कोई भी जांच अधिकारी विस्फोट वाली जगह पर दिखाई दिया और न ही किसी अधिकारी ने यहां के आसपास रहने वाले लोगों के बयान दर्ज किए है। जल्द मिलेगा पीड़ित परिवारों को मुआवजा : डीसी

डीसी प्रदीप सभ्रवाल कहते है कि सरकार द्वारा ज्यूडीशियल जांच के उसी दिन आदेश दिए गए थे। एसडीएम रजनीश अरोड़ा की अगुआइ में जांच तेजी से चल रही है। जांच में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय अस्पताल में दाखिल बच्चों का बेहतर इलाज करवाया गया है। परिजनों ने अपनी मर्जी से ही कुछ बच्चों को डीएमसी भेजने के लिए कहा था। डीसी सभ्रवाल ने दावा किया कि सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख की राशि देने की जो घोषणा की है, वे जल्द पूरी की जाएगी।


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