फोन कर कहा-घर पर नहीं राशन, मौके पर मिला 60 किलो गेहूं, 15 किलो आटा, पांच किलो प्याज व दो सिलेंडर
सोमवार को एसडीएम रजनीश अरोड़ा को जंडियाला रोड से फोन आया कि चार दिन से उसकी गली के 15 परिवार भूखे है। एसडीएम मौके पर परिवार को राशन देने पहुंचे तो फोन करने वाले सुनील कुमार की रसोई से अनाज का भंडार मिला।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : कोरोना कर्फ्यू में प्रशासन के सहयोग का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। घर पर राशन जमा होने के बावजूद प्रशासन को राशन के लिए फोन कर रहे हैं। सोमवार को एसडीएम रजनीश अरोड़ा को जंडियाला रोड से फोन आया कि चार दिन से उसकी गली के 15 परिवार भूखे है। एसडीएम मौके पर परिवार को राशन देने पहुंचे तो फोन करने वाले सुनील कुमार की रसोई से अनाज का भंडार मिला। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया जबकि डेढ़ दर्जन परिवारों में पांच परिवार ऐसे निकले जिनके पास राशन नहीं था। इन सभी को मौके पर राशन मुहैया करवा दिया गया।
एसडीएम रजनीश अरोड़ा को जंडियाला रोड स्थित गली उजागर सिंह वाली से सुनील कुमार नामक व्यक्ति ने फोन पर बताया कि डेढ़ दर्जन के करीब परिवार फल बेचने का काम करते हैं। उनके घरों में चार दिन से छोटे बच्चे भी भूखे हैं। एसडीएम रजनीश अरोड़ा ने अपनी गाड़ी में आटा और राशन की सप्लाई भरी और उक्त गली में पहुंचे। पता चला कि हलका विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री द्वारा उक्त परिवारों को सुबह ही चावल व अन्य राशन मुहैया करवाया गया था। एसडीएम रजनीश अरोड़ा ने फोन करने वाले सुनील कुमार की रसोई की चेकिंग की। इस दौरान 60 किलो गेहूं, 15 किलो आटा, पांच किलो प्याज, दो गैस सिलेंडर, डेढ किलो लहसुन व अन्य खाद्य पदार्थ का भंडार मौजूद था। प्रशासन को गुमराह करने के आरोप में सुनील कुमार को डीएसपी हरीश बहल व थाना सिटी के प्रभारी तुषार गुप्ता (आइपीएस) ने हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि राशन होते हुए भी प्रशासन को गुमराह किया जा रहा था। एसडीएम रजनीश अरोड़ा ने मौके पर जांच दौरान पाया कि केवल पांच घरों में एक या दो दिन का ही राशन बचा था। उक्त परिवार को आटा व राशन मुहैया करवा दिया गया।