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देहाती क्षेत्र में मिलेगी अब बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा : अग्निहोत्री

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के तीन हजार युवाओं को ग्रामीण बस सेवा परमिट देने के प्रोजेक्ट का आगाज किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 12:01 AM (IST)
देहाती क्षेत्र में मिलेगी अब बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा : अग्निहोत्री
देहाती क्षेत्र में मिलेगी अब बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधा : अग्निहोत्री

संवाद सहयोगी, तरनतारन : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के तीन हजार युवाओं को ग्रामीण बस सेवा परमिट देने के प्रोजेक्ट का आगाज किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा कि कैप्टन सरकार द्वारा लागू की गई यह योजना किसी सौगात से कम नहीं है। उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस व वाहनों की आरसी डाक के माध्यम से भेजने के प्रोजेक्ट व सरकारी बसों में जीपीआरएस सिस्टम भी लोकार्पित किए।

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अग्निहोत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग के कामकाज को आनलाइन किया जा रहा है और लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के प्रयास उनकी सरकार ने किए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नए परमिट देने से यहां युवाओं को रोजगार के मौके मिलेंगे, वहीं देहाती क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा कि विभाग द्वारा जारी किए जाते ड्राइविंग लाइसेंसों व वाहनों की आरसी चंडीगढ़ से तैयार करवाकर डाक के माध्यम से लाभपात्रियों तक भेजे जाएगी। आनलाइन समागम दौरान डीसी कुलवंत सिंह,एडीसी जगविंदरजीत सिंह ग्रेवाल, एसडीएम रजनीश अरोड़ा, एसपी बलजीत सिंह ढिल्लों, ब्लाक सम्मति चेयरमैन रंजीत सिंह राणा मौजूद थे। केंद्र सरकार जीएसटी नियमों के बदलाव के लिए व्यापारी व उद्योग की बनाए कमेटी : जीएसटी नियमों में करीब एक हजार संशोधन होने के बाद न तो सरकार संतुष्ट है अथवा न ही व्यापारी वर्ग संतुष्ट हो रहा है। जिस कारण जीएसटी प्रक्रिया दिशाहीन होती जा रही है। ऐसी स्थिति में अमृतसर डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिख कर आग्रह किया है कि सरकार एक ऐसी कमेटी का गठन करे जिसमें व्यापार, उद्योग के अलावा आयात, निर्यात से संबंधित प्रतिनिधि हो जोकि जीएसटी से संबंधित राय व्यक्त कर सके।

हरेकश्रेणी के व्यापारी व उद्योगपति की राय लेकर जीएसटी का नया स्वरूप बनाया जाए जिससे व्यापार व उद्योग प्रफुल्लित हो सके। एसोसिएशन के प्रधान अनिल कपूर ने बताया कि व्यापारी वर्ग कर देने को हमेशा तैयार रहता है। पर कर की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए। अब जीएसटी भरने के लिए व्यापारी वर्ग को कई नियमों से गुजरना पड़ता है।

व्यापार भी अब शिक्षित वर्ग तक सीमित रह गया है। पहले लोग कम पढ़े लिखे बच्चों को व्यापार करवाते थे।अब व्यापार व उद्योग शिक्षित लोगों का बन कर रह गया है। क्योंकि जीएसटी निरक्षर व्यक्ति का काम नहीं रहा है। सरकार अगर कर की प्रक्रिया सरल करने पर विश्वास रखती है तो सरकार सभी तरह के संसाधनों से बनने वाले कच्चे माल पर प्रथम चरण पर हर तरह का कर लगा देना चाहिए ताकि व्यापारी, उद्योगपति व आम जनता टैक्सों के बोझ के हिसाब से बच सके। प्रथम चरण पर कालाबाजारी से भी मुक्ति मिल जाएगी।


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