जर्मन में बैठे बग्गा के कहने पर बलवंत ने साजनप्रीत को टीम बनाने की दी थी जिम्मेदारी
पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पहले बम धमाके और फिर भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग करके दहशत फैलाने के लिए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के मुखी रंजीत सिंह नीटा ने जर्मन में बैठे डॉ. गुरमीत सिंह बग्गा का संदेश बाबा बलवंत सिंह निहंग तक पहुंचाया था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पहले बम धमाके और फिर भीड़ पर अंधाधुंध फायरिंग करके दहशत फैलाने के लिए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के मुखी रंजीत सिंह नीटा ने जर्मन में बैठे डॉ. गुरमीत सिंह बग्गा का संदेश बाबा बलवंत सिंह निहंग तक पहुंचाया था। इसके बाद बाबा बलवंत ने साजनप्रीत सिंह को नई टीम बनाने के लिए कहा। इसके बदले में युवाओं को मालामाल करने का लालच दिया था। तरनतारन के कस्बा चोहला साहिब के समीप 22 सितंबर को कार सवार चार आतंकियों की गिरफ्तारी होते ही खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के मंसूबे जग जाहिर हो रहे हैं। जांच में सामने आया कि गांव बंडाला वासी साजनप्रीत सिंह अमृतसर के कोट खालसा में रहकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी के उन युवाओं को साथ जोड़ रहा था जो आर्थिक तौर पर कमजोर होते हुए एशो आराम की जिंदगी जीना चाहते हैं। साजनप्रीत सिंह से बाबा बलवंत सिंह निहंग ने तीन बार मुलाकात की थी। झब्बाल स्थित भिखीविंड रोड पर धार्मिक स्थान के पास बाबा बलवंत ने साजनप्रीत को पिस्टल यह कहकर सौंपा कि तुम पाकिस्तान में बैठे रंजीत सिंह नीटा की गुडबुक में शामिल हो चुके हो। यह भी पता चला कि भारत-पाक सीमा से जुड़े कस्बा खेमकरण, खालड़ा, झब्बाल, भिखीविंड व नौशहरा ढाला में छोटे गैंगस्टरों से मुलाकातों का सिलसिला तेज करके उनके जरिए असलहा की सप्लाई करनी थी। इसके बाद रंजीत सिंह नीटा ने ड्रोन से पाक से हथियारों की खेप तरनतारन में पहुंचाई थी। 22 सितंबर को पुलिस के हाथ भारी असलहा, गोला बारूद और जाली करंसी लगने के बाद गिरोह से जुड़े करीब आठ लोगों ने संपर्क आपस में तोड़ लिया था। कस्बा चोहला साहिब से आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल की लोकेशन खंगालने में कुछ ऐसे राज पुलिस के हाथ लगे हैं जिनसे खालिस्तानी समर्थकों तक पहुंचना आसान बन गया है। खालिस्तानियों की लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं जो विभिन्न सियासी पार्टियों में अपनी पहचान बना चुके हैं।
विक्की पंजवड़ का भी जुड़ा नाम
आस्ट्रेलिया में बैठे विक्रमजीत सिंह विक्की वासी पंजवड़ का नाम भी आतंकी गतिविधियों से जुड़ रहा है। पता चला है कि पाकिस्तान की शरण में बैठे खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के मुखी परमजीत सिंह पंजवड़ के साथ विक्रमजीत सिंह का लगातार संपर्क होता रहा है। दोनों एक ही गांव के होने के कारण खुफिया एजेंसियों ने पहले दिन ही यह संदेह जताया था कि खालिस्तान के नाम पर विदेशों से होने वाली फंडिंग में विक्की का सीधा हाथ है।
जंटा से फिर पूछताछ
पंडोरी गोला बम धमाके के आरोपित गुरजंट सिंह जंटा से एनआइए, काउंटर इंटेलीजेंस, सीआइए स्टाफ की टीमों ने पूछताछ की। गुरु नानक देव सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दाखिल जंटा को गवाह बनाने की तैयारी की जा रही है। इलाज दौरान जो 4.72 लाख का बिल बना है उसे अदा करने से जंटा की मां दविंदर कौर (मेंबर पंचायत गांव बचड़े) ने मना कर दिया है जिसके चलते अब बिल का भुगतान पुलिस की ओर से करवाने की कवायद चल रही है।