आरटीआइ से गरीबों को दिलाया सरकारी योजनाओं का लाभ
तरनतारन : चार वर्ष पहले आम लोगों की तरह सस्ता राशन लेने लिए सरकारी बाबुओं के पास चक्कर लगाकर जब सरबजीत सिंह हार गए, तो उन्हें आरटीआइ कार्यकर्ता जसविंदर सिंह ने आरटीआइ कानून के बारे में बताया।
धर्मवीर सिंह मल्हार, तरनतारन : चार वर्ष पहले आम लोगों की तरह सस्ता राशन लेने लिए सरकारी बाबुओं के पास चक्कर लगाकर जब सरबजीत सिंह हार गए, तो उन्हें आरटीआइ कार्यकर्ता जसविंदर सिंह ने आरटीआइ कानून के बारे में बताया। यहीं से सरबजीत ने गरीबों को इंसाफ दिलाने की मुहिम शुरू की। वह एक दर्जन परिवारों को पुलिस, सेहत विभाग, शिक्षा विभाग, फूड सप्लाई विभाग से इंसाफ दिलावाने में कामयाब हुए हैं।
मुरादपुरा कॉलोनी में रहने वाले सरबजीत सिंह ने 2014 में सबसे पहले अपने परिवार को आटा-दाल योजना का लाभ दिलाने लिए आरटीआइ डाली। जवाब आया तो सरबजीत के परिवार को आटा-दाल योजना का लाभ मिला। साथ ही मोहल्ले के छह उन परिवारों को भी योजना का लाभ मिला, जिनका हक दूसरे छीन रहे थे। इसके बाद सरबजीत ने लोगों के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाया। तरनतारन के सरकारी स्कूलों के बच्चों को यूनिफॉर्म, किताबें और मिड-डे-मील योजना का लाभ दिलाने लिए फिर प्रयास किया और कामयाब रहे। साढे़ तीन वर्ष में 30 के करीब आरटीआइ डालकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोर दुकानदारों के विरुद्ध प्रशासन को कानूनी कार्रवाई लिए मजबूर किया। सरकारी अस्पतालों में रक्त लेने, योजनाओं के तहत मुफ्त दवाइयां लेने में विफल रहे लोगों को इंसाफ दिलाया। क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड डिटेक्शन ब्यूरो तरनतारन के जिला इंचार्ज के रूप में सरबजीत सिंह गरीबों के लिए मसीहा बन चुके हैं। कोट
मुझे पुलिस से ही कई बार झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां मिलीं। इनकी परवाह न करते हुए मैंने आरटीआइ को ढाल बनाया। गरीबों के हक के लिए लगातार लड़ रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा।
-सरबजीत सिंह, आरटीआइ कार्यकर्ता