शहादत के 21 साल बाद शहीद के नाम पर होगा स्कूल
17 वर्ष सेवाएं देने वाले नायब सूबेदार करनैल सिंह ने कारगिल की जंग में छह जुलाई 1999 को शहादत का जाम पिया। उस समय पंजाब सरकार ने गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम रखने का वादा किया था। यह वादा 21 साल बाद पूरा होने जा रहा है।
तरनतारन, जेएनएन। आठ सिख रेजीमेंट में 17 वर्ष सेवाएं देने वाले नायब सूबेदार करनैल सिंह ने कारगिल की जंग में छह जुलाई 1999 को शहादत का जाम पिया। उस समय पंजाब सरकार ने गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम रखने का वादा किया था। यह वादा 21 साल बाद पूरा होने जा रहा है। खडूर साहिब के गांव राणीवलाह के रहने वाले नायब सूबेदार करनैल सिंह के नाम पर गांव के मिडल स्कूल का नाम रखने को मंजूरी दे दी गई है।
शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने सोमवार को बाकायदा इस बात की घोषणा की। करनैल सिंह की पत्नी रंजीत कौर ने बताया कि गांव में जब भी नई पंचायत बनी, उससे प्रस्ताव पारित करवाकर राज्य सरकार को भेजती रहीं। उन्होंने बताया कि उनके पति को कारगिल युद्ध के लिए वीर चक्र से नवाजा गया था। सरकार की ओर से किया गया वादा 21 वर्ष बाद पूरा होने जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह व शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला का धन्यवाद किया है। रंजीत कौर कस्बा चोहला साहिब में गैस एजेंसी चलाती हैं। उनका बड़ा बेटा गुरप्रीत सिंह भी इस काम में उनका सहयोग देता है। छोटा बेटा यादविंदर सिंह कानून की पढ़ाई कर रहा है। यादविंदर सिंह व गुरप्रीत सिंह ने बताया कि गांव में उन्होंने अपने पिता की यादगार बना रखी है। उनकी पंजाब सरकार से मांग है कि उनके शहीद पिता के नाम पर गांव में स्वागती गेट बनाया जाए।