50 लाख की रंगदारी मांगने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, तरनतारन : शहर के व्यापारी हरविंदर सिंह काला से 50 लाख की रंगदारी मांगने वाले गिरोह
जागरण संवाददाता, तरनतारन : शहर के व्यापारी हरविंदर सिंह काला से 50 लाख की रंगदारी मांगने वाले गिरोह के चार सदस्यों को मंगलवार को सीआइए स्टाफ ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने आरोपितों से 3 पिस्टल, एक रिवाल्वर, 16 कारतूस और 2 हजार नशीली गोलियां बरामद की।
एसएसपी दर्शन सिंह मान ने बताया कि आरोपितों ने अड्डा बाजार तरनतारन के व्यापारी हरविंदर सिंह काला पुत्र भान सिंह को धमकी भरा पत्र लिखकर 50 लाख की रंगदारी मांगते हुए कहा था कि अगर राशि न दी तो उसके लड़के को अगवा कर कत्ल कर दिया जाएगा। यह मामला जब थाना सिटी में पहुंचा तो पुलिस ने केस दर्ज कर व्यापारी का नाम गुप्त रख जांच शुरू की। इस दौरान सीआइए स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर हरित कुमार को सूचना मिली कि गांव बहिला के बाग में एक गिरोह बच्चे को अगवा करने की योजना बना रहा है। पुलिस पार्टी ने बाग को चारों और से घेर कर मौके पर चार आरोपितों को काबू कर लिया। आरोपितों की पहचान तलविंदर सिंह उर्फ जग्गी निवासी काजीकोट रोड, रणजीत सिंह उर्फ राणा निवासी गली बोहड़ी वाली, कुलदीप सिंह निवासी फतेहचक्क रोड, निशान सिंह निवासी काजीकोट रोड (तरनतारन) के तौर पर हुई। जबकि पांचवा आरोपित प्रिंस नूरदी बाजार (तरनतारन) फरार हो गया। एसएसपी ने बताया कि उक्त लोगों ने लूटपाट करने का गैंग बना रखा था इन्होंने व्यापारी को उसके लड़के की हत्या करने की धमकी देकर 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। एसएसपी ने बताया कि इन चारों आरोपितों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड लिया जा रहा है। इस मौके एसपी तिलक राज, गुरनाम सिंह, डीएसपी अश्विनी अत्री, सीआइए स्टाफ प्रभारी हरित शर्मा, थाना सिटी के प्रभारी मनजिंदर सिंह भी मौजूद थे।
व्यापारी के शोरूम पर काम करने वाले कर्मी का नाम आ रहा है सामने
पुलिस के मुताबिक अड्डा बाजार के व्यापारी हरविंदर सिंह काला के शो रूम पर काम करने वाले कर्मचारी का नाम इस मामले में सामने आ रहा है। 21 अप्रैल 2018 को व्यापारी को घर के बाहर एक लिफाफा मिला था, जिसमें धमकी भरा पत्र था। पत्र मिलने के बाद व्यापारी सदमे में आ गया फिर आरोपितों ने फोन करके उसे धमकियां देनी शुरू कर दी। जिसके बाद व्यापारी ने एसएसपी दर्शन सिंह मान को जानकारी दी। परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने एफआइआर दर्ज करते समय व्यापारी का नाम गुप्त रखा और पुलिस की मुश्तैदी के चलते यह मामला 24 घंटे में ट्रेस हो गया।