जीव आत्मा के कल्याण के लिए दो किशोर कल हो जाएंगे वैरागी
मूनक संगरूर ¨जदगी का असली सुकून लेने व इस जीव आत्मा के कल्याण के लिए दो वीर सैनानी आत्म संग्राम में जा रहे हैं। एक आम व्यक्ति के मन में प्रभु भक्ति की ऐसी इच्छा पैदा हो जाती है कि वह व्यक्ति इस शानो-शोकत की दुनिया को छोड़कर साधु बनने को तैयार हो जाता है व अपने बचपन की उन शरारतों को त्याग देता है व अपने परिवार को भी त्याग कर वैराग्य के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हो जाता है।
संवाद सहयोगी, मूनक (संगरूर)
¨जदगी का असली सुकून लेने व इस जीव आत्मा के कल्याण के लिए दो वैराग्य आत्म संग्राम में जा रहे हैं। एक आम व्यक्ति के मन में प्रभु भक्ति की ऐसी इच्छा पैदा हो जाती है कि वह व्यक्ति इस शान-ओ शौकत की दुनिया को छोड़कर साधु बनने को तैयार हो जाता है। प्रभु भक्ति में लीन होकर मोक्ष प्राप्त करना ही दीक्षा का मुख्य लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए संघ संचालक नरेश मुनि महाराज की अगुआई में जैन साधु व साध्वियां मूनक शहर में पहुंच चुके हैं।
उक्त जानकारी रोहित मुनि महाराज ने स्थानीय जैन मंदिर में जैन धर्म के लोगों को दी। उन्होंने कहा कि साधु बनने के लिए जो अपने बचपन की उन शरारतों को त्याग देता है। अपने परिवार को भी त्याग कर वैराग्य के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हो जाता है। ऐसी दीक्षा का मतलब केवल कपड़े बदलकर साधु बनना नहीं है, बल्कि संपूर्ण जीवन परिवर्तन है। मन को मजबूती से काबू करना, जीभ के स्वाद का त्याग करना, जीवन में आने वाली मुसीबतों को हंसते-हंसते झेलना ही दीक्षा है।
उन्होंने कहा कि संघ संचालक नरेश मुनि महाराज व संघ प्रमुखा संयम प्रभा की अगुआई में 10 फरवरी को स्थानीय अनाज मंडी में 8.30 बजे दो जैन भाग्वती दीक्षाएं होने जा रही हैं। जिसमें एक नौजवान रजत जैन व एक नौजवान लड़की सियल जैन धर्म के कठोर मार्ग पर जाने के लिए आ रहे हैं। रजत जैन मानसा के रहने वाले हैं। उनके पिता सुभाष बांसल मानसा के प्रसिद्ध व्यापारी हैं। रजत जैन अपनी आठवीं की पढ़ाई पूरी करने उपरांत आज जैन संतों के चरणों में साधु बनने जा रहे हैं व इस दुनिया के दुनियावी कार्यों से सन्यास ले रहे हैं। इसी तरह बहन सियल जैन के नजदीकी गांव हमीरगढ़ से श्री कृष्ण कुमार शर्मा की पुत्री है जोकि उच्च शिक्षा प्रापत करके साध्वी बनने जा रही हैं। इस मौके जैन सभा मूनक के प्रधान सतीश जैन ने समूह क्षेत्र निवासियों को अपील की कि वह 10 फरवरी को मूनक अनाज मंडी में पहुंचकर इस प्रोग्राम में हिस्सा लें व आए जैन संतों के दर्शन करके अपने जीवन को सफल बनाएं। इस मौके जैन संतों के अलावा जैन समाज के लेाग मौजूद थे।